रायपुर, 01 सितंबर।
छत्तीसगढ़ में जारी एनएचएम कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर करारा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने चुनाव के दौरान कर्मचारियों से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हीं वादों से मुकरकर अब आंदोलनरत कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है।
वर्मा ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तमाम नेताओं ने एनएचएम कर्मचारियों के मंच पर जाकर उन्हें नियमितीकरण, वेतनवृद्धि और बीमा सहित 10 सूत्रीय मांगों को तत्काल पूरा करने का भरोसा दिलाया था। मोदी की गारंटी के नाम पर आश्वासन दिया गया था। लेकिन अब पौने दो साल बीत जाने के बाद न तो वादे पूरे हुए और न ही समाधान मिला। उल्टा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्मचारियों को बर्खास्त करने और वेतन काटने की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल और दुर्ग सांसद विजय बघेल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दोनों सांसद आंदोलन का समर्थन करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनकी ही सरकार कर्मचारियों की जायज़ मांगों को बलपूर्वक कुचलने पर आमादा है। “अपने ही दल के सांसदों की आवाज अनसुनी की जा रही है, यही भाजपा का असली राजनीतिक चरित्र है,” वर्मा ने कहा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आंदोलनरत कर्मचारियों की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि हज़ारों एनएचएम कर्मचारी घर-परिवार से दूर धरना स्थल पर डटे हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं छोटे बच्चों के साथ भरी बरसात में सड़क पर सोने को मजबूर हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, नियमितीकरण, जॉब गारंटी, 10 लाख का कैशलेस बीमा, अनुकंपा नियुक्ति और ग्रेड पे निर्धारण जैसी मांगों को शामिल किया गया था। अब वही सरकार सवालों से बच रही है।
कांग्रेस ने भाजपा से पूछा है — “क्या मोदी की गारंटी सिर्फ वोट बटोरने का चुनावी हथकंडा था?” साथ ही तत्काल तानाशाही रवैया छोड़कर एनएचएम कर्मचारियों की मांगों को मानने की मांग की है।

