छत्तीसगढ़ में  5000 शिक्षकों की भर्ती को मिली मंजूरी

रायपुर। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति, शुद्धता और स्वास्थ्य से गहरे जुड़ाव का पर्व है। उत्तर भारत के कई राज्यों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार इस वर्ष 27 और 28 अक्तूबर को मनाया जाएगा। सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाने वाला पारंपरिक प्रसाद न केवल पूजन सामग्री है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भरपूर प्राकृतिक आहार भी है।

ठेकुआ — स्वाद और सेहत का संगम

छठ का सबसे प्रमुख और स्वादिष्ट प्रसाद है घी का ठेकुआ, जिसे पूरी शुद्धता के साथ बनाया जाता है। इसे पारंपरिक रूप से शुद्ध देसी घी में तला जाता है। आयुर्वेद में देसी घी को अमृत समान माना गया है। ठेकुए में गेहूं का आटा, गुड़ और देसी घी का संयोजन इसे एक तरह का सुपरफूड बनाता है। यह शरीर को ऊर्जा देता है, पाचन सुधारता है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

ड्राइविंग लाइसेंस पर मोबाइल नंबर अपडेट करें, वरना हो सकता है सस्पेंशन — सड़क परिवहन मंत्रालय की चेतावनी

मौसमी फल — पोषण और प्रतिरक्षा का भंडार

छठ के सूप में चढ़ाए जाने वाले फलों में केला, नारियल, सिंघाड़ा (पानी फल) और डाभ नींबू (चकोतरा) प्रमुख हैं।

  • केला पोटैशियम और विटामिन्स से भरपूर होता है, जो दिल के स्वास्थ्य और मांसपेशियों को मजबूती देता है।
  • नारियल में हेल्दी फैट और मिनरल्स होते हैं, जो हड्डियों और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद हैं।
  • सिंघाड़ा जल तत्व से जुड़ा फल है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
  • डाभ नींबू विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो सर्दी-जुकाम और संक्रमणों से बचाव में सहायक है।

गन्ना — ऊर्जा और पाचन का स्रोत

छठ पूजा का प्रतीक माने जाने वाला गन्ना (ईख) भी सेहत के लिए वरदान है। इसका रस शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और प्राकृतिक मिठास प्रदान करता है। इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन हड्डियों और रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं।

राज्य स्थापना दिवस पर 1 नवम्बर को शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश

सात्विकता में छिपा स्वास्थ्य का रहस्य

छठ के प्रसाद की सबसे बड़ी विशेषता इसकी शुद्धता और सात्विकता है। प्रसाद बनाने में किसी प्रकार के रासायनिक या प्रोसेस्ड पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाता। यही वजह है कि इसका हर अंश शरीर को लाभ पहुँचाता है।
यह पर्व सिखाता है कि सादा, प्राकृतिक और शुद्ध भोजन ही वास्तविक स्वास्थ्य का आधार है।

हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रसाद का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि किसी भी चीज़ की अधिकता शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

छठ पर्व से पहले बदलेगा मौसम का मिजाज, 25 से 28 अक्टूबर तक झारखंड और छत्तीसगढ़ में बारिश के आसार

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और आयुर्वेदिक जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें उल्लिखित जानकारी केवल पाठकों की जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दी गई है। स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी निर्णय से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

CTET 2025 Date Announced! जानें कब जारी होगा Application Form और नोटिफिकेशन

 

Share.

About Us

CG NOW एक भरोसेमंद और निष्पक्ष न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो आपको छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया भर की ताज़ा, सटीक और तथ्य-आधारित खबरें प्रदान करता है। हमारी प्राथमिकता है जनता तक सही और निष्पक्ष जानकारी पहुँचाना, ताकि वे हर पहलू से जागरूक और अपडेटेड रहें।

Contact Us

Syed Sameer Irfan
📞 Phone: 94255 20244
📧 Email: sameerirfan2009@gmail.com
📍 Office Address: 88A, Street 5 Vivekanand Nagar, Bhilai 490023
📧 Email Address: cgnow.in@gmail.com
📞 Phone Number: 94255 20244

© 2025 cgnow.in. Designed by Nimble Technology.

error: Content is protected !!
Exit mobile version