रायपुर। छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बनाफर ने कहा है कि यदि सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का आयोजन करती है तो अनुभवी शिक्षकों को सेवा वर्ष के आधार पर रियायत दी जानी चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि 5 वर्ष की सेवा पर 5 प्रतिशत, 10 वर्ष की सेवा पर 10 प्रतिशत, 15 वर्ष की सेवा पर 15 प्रतिशत और 20 वर्ष की सेवा पर 20 प्रतिशत अंकों की छूट का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही जिन शिक्षकों ने 20 वर्ष तक सेवा प्रदान की है और जिनकी आयु 40 वर्ष से अधिक है उन्हें 40 प्रतिशत अंकों पर क्वालीफाई माना जाए, जबकि 45 वर्ष से ऊपर आयु वाले शिक्षकों को 35 प्रतिशत अंकों पर क्वालीफाई घोषित किया जाए।
भूपेंद्र सिंह बनाफर ने मांग की कि विशेष विभागीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने में शिक्षकों को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार को उनकी सेवा, आयु और अनुभव का पूरा ध्यान रखना होगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरटीई एक्ट लागू होने से पहले जिनकी नियुक्ति हुई है, उन पर यह नियम लागू नहीं होना चाहिए क्योंकि उस समय शिक्षक पात्रता परीक्षा की व्यवस्था अस्तित्व में ही नहीं थी। नई भर्ती प्रक्रिया में भी अनुभवी शिक्षकों की सेवाओं का आकलन आवश्यक है।
संघ ने कहा कि उम्रदराज शिक्षकों की आयु और आईक्यू स्तर को ध्यान में रखकर ही परीक्षा संबंधी नियम बनाए जाएं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि शिक्षक समुदाय की भावनाओं और अनुभव का सम्मान करते हुए न्यायसंगत निर्णय ले।

