हिमाचल में भूस्खलन से जनहानि, हैदराबाद में भारी जलभराव
नई दिल्ली/कोलकाता/हैदराबाद:
देश में मानसून अब अपनी विदाई की ओर है, लेकिन पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में इसका असर अभी भी बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते इस हफ्ते पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार हैं। दूसरी ओर, उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून की वापसी शुरू हो गई है, जो अगले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर से भी पूरी तरह लौट सकता है।
बंगाल और ओडिशा में भारी वर्षा का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव के क्षेत्र से 24 सितंबर तक दक्षिण बंगाल के जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
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दक्षिण 24 परगना, पूर्व/पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, कोलकाता और हुगली जैसे जिलों में 7-20 सेमी तक भारी वर्षा हो सकती है।
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ओडिशा के क्योंझार और मयूरभंज जिलों में 30-40 किमी/घंटे की तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश का अनुमान है।
आंध्र प्रदेश में आंधी और बारिश दोनों का कहर
आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में अगले 24 घंटे मध्यम से भारी बारिश और 40-50 किमी/घंटे की हवाओं के साथ गुजर सकते हैं।
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25 से 27 सितंबर के दौरान कई अन्य जिलों में भी लगातार बारिश की संभावना जताई गई है।
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हैदराबाद में सोमवार को सीएमटीसी परिसर में 101.5 मिमी और श्रीनगर कॉलोनी में 95.5 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
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भारी बारिश से कई इलाकों में जलभराव और यातायात जाम की स्थिति बन गई।
दिल्ली-एनसीआर से मानसून की वापसी तय
राजस्थान के बाद अब दिल्ली-एनसीआर से भी मानसून की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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सितंबर में सिर्फ 8 दिन बारिश के बावजूद 136.1 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य (123.5 मिमी) से अधिक है।
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मई से अब तक लगातार सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे 2023-24 का मानसून रिकॉर्ड बना रहा।
हिमाचल में भूस्खलन से मौत, सड़कें ठप
वहीं, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भूस्खलन की चपेट में आकर एक बुजुर्ग चरवाहे की मौत हो गई।
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352 सड़कें, 68 बिजली ट्रांसफार्मर और 100 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
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प्रदेश में 24-25 सितंबर को भी कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना बनी हुई है।
एक ओर देश के कई हिस्सों में मानसून विदाई ले रहा है, वहीं बंगाल की खाड़ी से उठे मौसमीय सिस्टम के चलते पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में फिर से बारिश की दस्तक हो चुकी है। प्रशासन को अलर्ट रहने की आवश्यकता है, विशेषकर उन इलाकों में जहां जलभराव, भूस्खलन या तेज हवाओं की आशंका बनी हुई है।

