नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष समारोहों की शुरुआत आगामी 2 अक्तूबर विजयादशमी के दिन नागपुर से होगी। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जबकि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि शताब्दी वर्ष के अंतर्गत समारोहों की श्रृंखला विजयादशमी 2026 तक जारी रहेगी। देशभर में एक लाख हिंदू सम्मेलन आयोजित करने की योजना है। इसके अलावा सरसंघचालक मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबाले शताब्दी वर्ष के दौरान संघ के अनुसार चिह्नित सभी प्रांतों का दौरा करेंगे।
आंबेकर ने बताया कि शृंखला के तहत विशेष कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इनमें 7-8 नवंबर को बंगलूरू, 21 दिसंबर को कोलकाता और 6-7 फरवरी को मुंबई में दो दिवसीय कार्यक्रम शामिल हैं। दिल्ली में आयोजित संवाद कार्यक्रम की तर्ज पर ही ये आयोजन होंगे। इस अवसर पर उद्योग और सेना से जुड़े विशेष अतिथियों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनमें बजाज फिनसर्व के अध्यक्ष संजीव बजाज, डेक्कन इंडस्ट्रीज के केवी कार्तिक और लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कालिता प्रमुख हैं।
शताब्दी वर्ष की शुरुआत से पहले 28 सितंबर को नागपुर में प्रसिद्ध गायक-संगीतकार शंकर महादेवन एक विशेष कार्यक्रम में संघ गीत प्रस्तुत करेंगे।
आरएसएस के सह-प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी ने बताया कि शताब्दी वर्ष के दौरान देश के 6.35 लाख गांवों में से छह लाख गांवों तक संपर्क साधने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि संघ ने समाज में परिवर्तन लाने के लिए पांच प्रण लिए हैं—सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्य।
संघ का मानना है कि इन आयोजनों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव और राष्ट्र निर्माण की दिशा में नई ऊर्जा का संचार होगा।

