देशभर में सर्दी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है। उत्तर भारत में ठिठुरन का प्रभाव इतना बढ़ गया है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है। कड़ाके की ठंड के कारण स्थानीय स्तर पर नदी-नालों और पानी की पाइपलाइनों के जमने का खतरा बढ़ गया है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी शीतलहर जैसी स्थिति बन चुकी है, जहाँ गलन भरी ठंडी हवाओं और घने कोहरे ने लोगों का जीवन बेहाल कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में कोहरा और ठंड दोनों और बढ़ सकते हैं।
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उधर दक्षिण भारत में मौसम एक नए खतरे की ओर बढ़ रहा है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात ‘दितवाह’ के कारण तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों में अगले तीन दिनों तक मौसम अत्यंत खराब रहने का अनुमान है। इस चक्रवात के तट से टकराने पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएँ चल सकती हैं और कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। तेज़ हवाओं, पेड़ गिरने और समुद्री उफान को देखते हुए मौसम विभाग ने इन तटीय इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया है।
उत्तर भारत में सर्दी का असर रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है। कश्मीर घाटी में नवंबर की ठंड ने 18 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कई जिलों में तापमान लगातार शून्य से नीचे बना हुआ है। शोपियां सबसे ठंडा क्षेत्र रहा, जबकि श्रीनगर में तापमान -4.5°C दर्ज हुआ, जो इस सीजन की अब तक की सबसे सर्द रात रही। पंजाब में फरीदकोट पाँच दिनों से राज्य का सबसे ठंडा जिला बना हुआ है, वहीं दिल्ली का न्यूनतम तापमान 8.1°C रिकॉर्ड किया गया, जिससे राजधानी में भी शीतलहर जैसे हालात बन गए हैं।
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इधर छत्तीसगढ़ में तापमान में गिरावट के बावजूद मौसम थोड़ा स्थिर होने की ओर बढ़ रहा है। बढ़ी हुई नमी के कारण रात के तापमान में गिरावट का दौर अगले कुछ दिनों तक थमता दिख रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ठंड कम होगी। सरगुजा संभाग के कई जिलों में शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है। शहरों में रात के समय पारा 3 डिग्री तक नीचे आने लगा है, जबकि ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में लोग भारी ठंड से कांप रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड अभी स्थिर है, कमी आने की कोई संभावना नहीं है और दिसंबर की शुरुआत से इसमें और बढ़ोतरी होगी।
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छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, कोरिया, जशपुर और अंबिकापुर में मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। कई जगह ओस जमने की स्थिति बन रही है और उत्तरी जिलों में तापमान लगातार गिर रहा है। रायपुर समेत आसपास के इलाकों में शुक्रवार रात से ही ठंडी हवाएँ चल रही हैं, जिससे शहर कड़ाके की ठंड की चपेट में है।
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बिहार में भी ठंड ने दस्तक दे दी है। पछुआ हवाओं ने पिछले 24 घंटे में तापमान को तेजी से नीचे धकेला है। औरंगाबाद 11°C के साथ राज्य का सबसे ठंडा जिला बना, जबकि पटना, बेतिया, गोपालगंज और बेगूसराय समेत कई जिलों में घना कोहरा छाया रहा। सुबह की विजिबिलिटी इतनी कम रही कि वाहन चालक हेडलाइट और फॉग लाइट के सहारे धीरे-धीरे सड़क पर आगे बढ़ते दिखे।
मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर की शुरुआत के साथ देश भर में ठंड का असली दौर शुरू हो जाएगा। हवा की दिशा और तापमान दोनों में बदलाव देखने को मिल सकता है, और कई राज्यों में शीतलहर की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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