मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर खड़ा है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने शुक्रवार को विस्फोटक मोड़ ले लिया जब ईरान ने सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल की ओर दागीं। यह जवाबी हमला इजरायल की ओर से ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हुए भीषण हमलों के प्रतिउत्तर में किया गया। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हमला “Severe Punishment” यानी गंभीर सजा नामक सैन्य अभियान का हिस्सा था।
इजरायल के हमले ने खींची टकराव की लकीर
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत शुक्रवार को हुई जब इजरायल ने ईरान के विभिन्न परमाणु और सैन्य ढांचों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले और ड्रोन स्ट्राइक की। इन हमलों का मकसद ईरान के प्रमुख वैज्ञानिकों, जनरलों और रणनीतिक संस्थानों को खत्म करना था। इन हमलों में तेहरान स्थित कई प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, जिससे पूरे ईरान में दहशत फैल गई। इसके तुरंत बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
ईरानी मिसाइलों का भयंकर हमला
इसी चेतावनी को हकीकत में बदलते हुए शुक्रवार देर रात ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। आईआरएनए की रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला पूरी तरह से ईरान की सैन्य शक्ति और प्रतिरोध की क्षमता को प्रदर्शित करने वाला कदम था। यह पहली बार है जब ईरान ने खुले तौर पर इजरायल की धरती पर इतने बड़े स्तर पर मिसाइल हमला किया है।
ईरानी सैन्य प्रवक्ता ने कहा, “हमारे देश के खिलाफ किसी भी प्रकार की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह हमला हमारे आत्म-संरक्षण का प्रतीक है और अगर दुश्मन ने फिर कोशिश की, तो अगली बार और भी गंभीर परिणाम होंगे।”
अमेरिका की भूमिका और सैन्य सक्रियता
इजरायल को इस संकट की घड़ी में अमेरिका से त्वरित सहायता मिली। अमेरिकी रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम और वायुसेना के लड़ाकू विमानों को इजरायल की ओर तैनात किया है ताकि ईरान की मिसाइलों को रोका जा सके। हालाँकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अमेरिका ने किस सीमा तक सैन्य हस्तक्षेप किया, लेकिन यह बताया गया कि पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और थाड (THAAD) जैसे अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली सक्रिय की गई है।
एक अधिकारी ने कहा, “हम अपने सहयोगी इजरायल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मेहराबाद एयरपोर्ट पर धमाका और अफरातफरी
इस संघर्ष के दौरान एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई जब शनिवार सुबह ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित मेहराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जोरदार धमाका हुआ। स्थानीय मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके के बाद एयरपोर्ट के इलाके से घना धुआं और आग की लपटें उठती देखी गईं। एएफपी (AFP) के एक पत्रकार ने बताया कि एयरपोर्ट के पश्चिमी हिस्से में धमाके के बाद अफरातफरी फैल गई और लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
हालांकि, अभी तक ईरानी अधिकारियों ने इस धमाके की औपचारिक पुष्टि नहीं की है और यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह इजरायल की जवाबी कार्रवाई का हिस्सा था या कोई आतंकी हमला। लेकिन मौजूदा हालातों में इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के बीच तनाव की भयावहता को और भी गहरा कर रही हैं।
क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे इस सैन्य संघर्ष ने न केवल इन दोनों देशों को, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। अमेरिका, रूस, चीन समेत कई वैश्विक ताकतें इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी आपात बैठक बुलाने का संकेत दिया है।
मध्य-पूर्व के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह संघर्ष जल्द नहीं थमा, तो यह सीमित युद्ध से पूर्ण युद्ध में तब्दील हो सकता है, जिसके दुष्परिणाम वैश्विक अर्थव्यवस्था और मानवीय संकट के रूप में सामने आ सकते हैं।
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