SPG Female Commandos: जब भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा की बात आती है तो सबसे पहले दिमाग में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG का नाम आता है. दिलचस्प बात यह है कि इसमें सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिला कमांडो भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं. आइए जानते हैं कि इनकी भर्ती, ट्रेनिंग और सैलरी का पूरा सिस्टम कैसा है.

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महिला एसपीजी कमांडो भर्ती कैसे होती है

SPG में किसी भी तरह की डायरेक्ट भर्ती नहीं होती. महिला हो या पुरुष, सभी कमांडो का चयन पहले से ही सर्विस में मौजूद अधिकारियों में से किया जाता है. इसके लिए IPS, CISF, BSF और CRPF जैसे CAPF से अधिकारियों को चुना जाता है.

चयन प्रक्रिया बेहद टफ होती है जिसमें कई लेवल्स पर टेस्ट होते हैं. उम्मीदवार का सर्विस रिकॉर्ड, अनुशासन, शारीरिक फिटनेस, दौड़ और स्विमिंग जैसी एक्टिविटीज़ में परफॉर्मेंस चेक किया जाता है. इसके बाद साइकॉलॉजिकल और रिटेन टेस्ट लिए जाते हैं. इंटरव्यू और बाकी स्टेप्स के बाद ही फाइनल सेलेक्शन होता है. SPG में पोस्टिंग आम तौर पर 3 साल के लिए होती है, जिसके बाद कमांडो वापस अपनी मूल यूनिट में लौट जाते हैं. हर साल गृह मंत्रालय रिक्तियां जारी करता है और उसी आधार पर नई भर्तियां होती हैं.

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महिला एसपीजी कमांडो की ट्रेनिंग कैसी होती है

SPG की ट्रेनिंग को दुनिया की सबसे टफ ट्रेनिंग्स में गिना जाता है. महिला कमांडो को भी पुरुषों की तरह ही हर फील्ड में तैयार किया जाता है. इनमें रनिंग, स्विमिंग और मार्शल आर्ट्स से लेकर मॉडर्न वेपन हैंडलिंग, स्नाइपर ट्रेनिंग और बम डिस्पोज़ल तक सबकुछ शामिल है. इसके साथ ही कमांडो को टेरर अटैक की सिचुएशन में कैसे काम करना है, डार्क ऑपरेशन कैसे करना है और इमरजेंसी में फास्ट डिसीजन लेना है, यह सब सिखाया जाता है. SPG कमांडो को विशेष तकनीकी प्रशिक्षण (जैसे संचार उपकरण और बुलेटप्रूफ वाहन संचालन) भी दिया जाता है.

महिला कमांडो क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) का हिस्सा भी बनती हैं और प्रधानमंत्री के विदेश दौरों में एडवांस्ड सिक्योरिटी लायजन (ASL) के तहत भी जिम्मेदारी निभाती हैं. फिलहाल SPG में लगभग 100 महिला कमांडो काम कर रही हैं. इन्हें संसद से लेकर PM से मिलने वाली महिला मेहमानों की सिक्योरिटी चेक तक की ड्यूटी दी जाती है.

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महिला एसपीजी कमांडो के सैलरी और भत्ते

SPG कमांडो की सैलरी उनके रैंक और एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है. मासिक सैलरी 84,236 रुपए से लेकर 2,39,457 रुपए तक हो सकती है. इसमें बेसिक पे लेवल 6 के तहत 35,400 रुपए से 1,12,400 रुपए शामिल हैं. इसके अलावा जोखिम भत्ता 10,000 से 25,000 रुपए प्रति माह और स्पेशल ड्यूटी भत्ता 7,500 से 20,000 रुपए तक मिलता है.

सालाना ड्रेस अलाउंस भी मिलता है, जो ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए 27,800 रुपए और नॉन-ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए 21,225 रुपए होता है. साथ ही मकान किराया भत्ता, मेडिकल सुविधाएं, फ्री ट्रैवल और पुलिस कैंटीन तक एक्सेस भी मिलता है. कटौतियों के बाद इन-हैंड सैलरी करीब 97,601 से 1,00,245 रुपए प्रति माह होती है. वार्षिक पैकेज लगभग 13.2 लाख से 24 लाख रुपए तक पहुंच सकता है. ये अमाउंट कमांडों की रैंक (जैसे कॉन्स्टेबल, इंस्पेक्टर, या कमांडेंट) के आधार पर भिन्न हो सकता है.

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पहली महिला SPG कमांडो

मणिपुर की अदासो कापेसा देश की पहली महिला SPG कमांडो बनी थीं. फिलहाल वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा टीम का हिस्सा हैं. उनका नाम महिला सशक्तिकरण और SPG में बढ़ती महिला भागीदारी का प्रतीक बन चुका है. 1985 में बनी SPG ने अपनी ट्रेनिंग, अनुशासन और परफॉर्मेंस से दुनिया में नाम कमाया है. इस बल को अब तक 1 शौर्य चक्र, 45 राष्ट्रपति पुलिस पदक (विशिष्ट सेवा) और 347 पुलिस पदक (सराहनीय सेवा) मिल चुके हैं. महिला कमांडो की मौजूदगी ने SPG को और भी मजबूत बनाया है, साथ ही समाज में एक नई मिसाल भी पेश की है.

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