कोरबा : मड़वारानी रेलवे स्टेशन के पास छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के डिरेल होने की घटना ने यात्रियों में हड़कंप मचा दिया। ट्रेन के एक बोगी का पहिया पटरी से उतर गया, लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना टल गई। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने घटना के बाद ठेका कंपनी के सुपरवाइजर और एक मजदूर को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है। घटना बुधवार की सुबह लगभग 9:30 बजे हुई। कोरबा रेलवे स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। मड़वारानी स्टेशन के समीप ट्रेन के एक बोगी का पहिया अचानक पटरी से उतर गया। यह दृश्य देखते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन के लोको पायलट ने तुरंत नियंत्रण संभाला और ट्रेन को रोके बिना सुरक्षित दूरी तक पहुँचाया। इसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी रेलवे अधिकारियों को दी।
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रेलकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। जांच में पता चला कि पहिए में लोहे का एक एंगल फंसा हुआ था। यह एंगल स्टेशन पर चल रहे फुट ओवर ब्रिज निर्माण कार्य से संबंधित था और लापरवाही से रेल पटरी पर छोड़ दिया गया था। रेलकर्मियों ने भारी मशक्कत और सुरक्षा उपाय अपनाते हुए एंगल को हटाया और पहिए को पटरी पर वापस लाया। इसके बाद ट्रेन सुरक्षित रूप से अपने मार्ग पर रवाना हुई। रेलवे प्रबंधन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरपीएफ प्रभारी सतीश कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की और तुरंत जांच शुरू करवाई। जांच में यह सामने आया कि फुट ओवर ब्रिज निर्माण कार्य के लिए नियुक्त ठेका कंपनी एसके एंड जेआरटी के कर्मचारी लापरवाही से कार्य कर रहे थे। आरपीएफ ने ठेका कंपनी के सुपरवाइजर परशुराम महतो (मूलतः झारखंड, वर्तमान में कोरबा निवासी) और मजदूर रामेश्वर निषाद को गिरफ्तार कर बिलासपुर स्थित रेलवे कोर्ट में पेश किया।
आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और हाइड्रा का चालक अभी भी फरार है। उसकी खोजबीन तेज़ कर दी गई है। पूरी जांच के बाद ठेकेदार के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई गई है। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि यह घटना ठेका कंपनी की लापरवाही का परिणाम है। रेलवे सुरक्षा और यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ऐसे सभी निर्माण कार्यों की निगरानी की जा रही है। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि निर्माण स्थल पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन हो और किसी भी तरह का निर्माण मलबा रेल पटरी पर न छोड़ा जाए। यात्रियों ने रेलवे कर्मियों की तत्परता और लोको पायलट की सूझबूझ की सराहना की। उन्होंने बताया कि ट्रेन डिरेल होने के बावजूद सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ी, जिससे कोई बड़ा हादसा टल गया। रेलवे प्रशासन ने भी इस बात पर बल दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठेका कंपनियों की कड़ी निगरानी की जाएगी।

