रायपुर //-
छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए बड़ी खबर आई है। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन सत्र 2024–25 के लिए धान खरीदी की तारीख तय कर दी है। प्रदेश में 15 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत होगी। इस बार सरकार ने लगभग 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है।
धान खरीदी से पहले कैबिनेट की बैठक में धान उपार्जन नीति को मंजूरी दी जाएगी। वहीं किसानों के पंजीयन का कार्य एग्रीस्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से शुरू हो गया है।
राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि सरकार अपने वादे के अनुसार किसानों को पूरा लाभ दे रही है। उन्होंने बताया —
“छत्तीसगढ़ में नवंबर माह से धान खरीदी शुरू होगी। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। लगातार बारिश के बावजूद सरकार तय तारीख से खरीदी प्रारंभ करेगी।”
सरकार ने स्पष्ट किया है कि पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदा जाएगा।धान बेचने वाले किसानों को प्रति क्विंटल ₹3100 का भुगतान किया जाएगा।
नई धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग नीति तैयार
राज्य सरकार ने वर्ष 2025–26 के लिए नई धान उपार्जन नीति और कस्टम मिलिंग नीति तैयार कर ली है। यह नीति दीपावली से पहले प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में रखी जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यह लागू होगी।
सूत्रों के अनुसार, इस बार सरकार धान खरीदी करने वाली सोसाइटियों और मिलरों को कुछ राहत देने जा रही है।
किसानों को मिलेगा ऑनलाइन टोकन
धान खरीदी के इस सीजन में किसानों को अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने टोकन वितरण के लिए ‘तुहर एप’ (Tuhar App) की व्यवस्था की है।
किसानों को ऑनलाइन टोकन जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से वे तय तारीख पर धान बेच पाएंगे।
राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि इस बार छोटे और सीमांत किसानों (जिनके पास 2 से 10 एकड़ तक भूमि है) से सबसे पहले धान खरीदा जाएगा।
धान खरीदी के साथ ही राज्य में कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया भी शुरू होगी। अब तक का नियम था कि डिलीवरी ऑर्डर (D.O.) जारी होने के बाद 10 दिनों में धान का परिवहन अनिवार्य है, अन्यथा मिलर पर पेनाल्टी लगती थी।
लेकिन इस बार सरकार ने मिलरों को 15 दिन का समय देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मिलरों को मिलिंग के लिए ₹80 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
प्रदेश की 2,739 सहकारी सोसाइटियों को सरकार ने बोनस देने का निर्णय लिया है।
जिन सोसाइटियों में खरीदे गए धान की सूखत (नमी हानि) शून्य प्रतिशत रहेगी, उन्हें ₹5 प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि यह व्यवस्था पहले भी लागू थी, पर पिछले वर्ष तकनीकी कारणों से बोनस नहीं मिल सका था। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि शून्य सूखत वाली सोसाइटियों को यह लाभ अवश्य मिलेगा।
धान खरीदी की तारीख तय होने के बाद किसानों में उत्साह देखा जा रहा है।
सरकार का दावा है कि इस बार पूरी प्रक्रिया डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध होगी।
ऑनलाइन टोकन प्रणाली से भीड़भाड़ कम होगी और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

