लोकसभा ने शुक्रवार को एक नया बिल पास किया है, जिसके तहत पान मसाला जैसे हानिकारक (डिमेरिट) उत्पादों पर अब अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा। सरकार इस टैक्स से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल देश की सेहत की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा यानी सेना की जरूरतों पर करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि पान मसाला जैसे नुकसानदायक उत्पाद सस्ते हों। उनका कहना है कि ऐसे सामान से लोगों की सेहत खराब होती है, इसलिए इन पर ज्यादा टैक्स लगाना जरूरी है।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सेना को आधुनिक हथियार, साइबर सुरक्षा और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसी चीजों की बहुत जरूरत है, जो काफी महंगी होती हैं। पहले ऐसे कई मौके आए जब रक्षा मंत्रालय के पास गोला-बारूद खरीदने तक के पैसे नहीं थे, इसलिए सरकार अब अतिरिक्त पैसा जुटाकर सेना को मजबूत करना चाहती है।
सीतारमण ने कहा कि देश में कई तरह के सेस पहले से लगते हैं और उनका पैसा सही जगह खर्च किया जाता है। उन्होंने बताया कि 2014 से 2026 के बीच सरकार ने करीब ₹6.49 लाख करोड़ सेस के जरिए जुटाए, जिनमें से ₹6.07 लाख करोड़ राज्यों को वापस दिए गए। इसी सत्र में तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई गई है। यह सेस नहीं, बल्कि सामान्य टैक्स है। इसका 41% हिस्सा राज्यों को मिलेगा। सरकार का कहना है कि इससे वही व्यवस्था वापस लाई जा रही है जो GST लागू होने से पहले थी।


