रायपुर, 14 जून 2025
प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए जा रहे युक्तियुक्तकरण के विरोध में अब शिक्षक वर्ग खुलकर सामने आ गया है। ‘शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़’ के प्रदेश संचालक मंडल की एक ऑनलाइन बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें सर्वसम्मति से आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई। मंच ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार ने शिक्षकों की बात नहीं सुनी तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।
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बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार, 16 जून 2025 से प्रदेशभर के शिक्षक काली पट्टी बांधकर स्कूल जाएंगे। यह विरोध केवल एक प्रतीक नहीं बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि शिक्षक समुदाय को युक्तियुक्तकरण नीति से गहरी आपत्ति है। इसके साथ ही शिक्षक शाला प्रवेश उत्सव और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में भी काली पट्टी लगाकर ही भाग लेंगे, ताकि यह विरोध जन-जन तक पहुंचे।
जनता और जनप्रतिनिधियों को भी करेंगे जागरूक
‘शिक्षक साझा मंच’ ने निर्णय लिया है कि शाला प्रवेशोत्सव में आने वाले जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और अभिभावकों को युक्तियुक्तकरण से होने वाले नुकसान की पूरी जानकारी दी जाएगी। शिक्षक प्रत्येक स्कूल से एक शिक्षक की कटौती, प्रधानपाठकों के पद समाप्त करने और स्कूलों को बंद करने जैसे निर्णयों के दुष्परिणामों के बारे में समाज को जागरूक करेंगे।
शिक्षक समाज से संवाद करेंगे, उन्हें समझाएंगे कि किस प्रकार यह नीति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है, बल्कि ग्रामीण विद्यार्थियों के अधिकारों और सुविधाओं को भी सीमित कर रही है।
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राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजेंगे पत्र
इस आंदोलन को सिर्फ एक प्रादेशिक विरोध तक सीमित न रखते हुए, मंच ने निर्णय लिया है कि देश के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित उच्च पदस्थ पदाधिकारियों को युक्तियुक्तकरण की खामियों और शिक्षकों की चार सूत्रीय मांगों को लेकर डाक के माध्यम से पत्र भेजे जाएंगे। ये पत्र पोस्टकार्ड व बंद लिफाफों में व्यक्तिगत स्तर पर भेजे जाएंगे, जिससे हर एक आवाज गूंज सके।
इसके साथ ही माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश को भी ज्ञापन भेजा जाएगा, ताकि इस गंभीर विषय पर न्यायपालिका का ध्यान भी आकर्षित किया जा सके।
जुलाई में सभी विकासखंड मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन
बैठक में यह भी तय किया गया कि जुलाई माह में एक दिन तय कर प्रदेशभर के सभी विकासखंड मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा लेकिन उसका संदेश स्पष्ट होगा — युक्तियुक्तकरण नीति में संशोधन करो या उसे समाप्त करो।
‘शिक्षक साझा मंच’ के 23 संगठनों ने एकजुट होकर इन कार्यक्रमों पर सहमति जताई है। आगे और भी आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिसकी जानकारी पृथक से दी जाएगी।यह संघर्ष सिर्फ शिक्षकों का नहीं, बल्कि प्रदेश की भावी पीढ़ी के भविष्य का है। शिक्षक समुदाय ने यह साफ कर दिया है कि अगर उन्हें नजरअंदाज किया गया, तो वे शिक्षा के हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।