रेलवे ने 24 जून तक रद्द की कई ट्रेन, सफर से पहले देखें कैंसिल ट्रेनों की पूरी लिस्ट

छत्तीसगढ़ में किसानों और आम जनता के लिए राजस्व अभिलेखों में दुरुस्ती, नक्शा बंटवारे और दस्तावेज संशोधन की प्रक्रिया बड़ी मुसीबत बन चुकी है। सरकार द्वारा संचालित ऑनलाइन सिस्टम लगातार फेल हो रहा है, और हैरानी की बात यह है कि सरकार ने अब तक कोई ऑफलाइन वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं दी है। इस तकनीकी जाम के कारण हजारों नहीं, बल्कि लाखों किसान दफ्तर-दफ्तर भटकने को मजबूर हैं, और उनकी खरीफ फसल की तैयारी तक अटक गई है।

ईरान ने कैसे भेदा इजरायल का अभेद्य रक्षा कवच ‘आयरन डोम’

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने इस स्थिति के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह सरकार जनता को राहत देने की बजाय नए-नए तरीके से काम अटकाने की साजिश कर रही है। केवल रायपुर जिले में ही नक्शा बंटवारे के 50 हजार से अधिक प्रकरण लंबित हैं, जबकि पूरे प्रदेश में यह संख्या लाखों को पार कर चुकी है। ऑनलाइन धारा अ-6 के तहत रिकॉर्ड दुरुस्ती से जुड़े 10 हजार से ज़्यादा मामले भी लटके हुए हैं।

थाने के पूरे स्टाफ पर गिरी गाज राजपुर थाने के 6 पुलिसकर्मी निलंबित, एसपी बोले – लापरवाही बर्दाश्त नहीं

उन्होंने बताया कि विभागीय प्रक्रिया का हाल यह है कि एक भी अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। पटवारी मामले को आरआई के पास भेज देता है, आरआई उसे तहसीलदार के पास, तहसीलदार एसडीएम के पास, एसडीएम कलेक्टर के पास और फिर कलेक्टर वही फाइल वापस तहसीलदार को भेज देता है। इस बेमतलब की दौड़ में किसान और आम नागरिक पिस रहे हैं। जनता समाधान की उम्मीद में चक्कर काटती है, लेकिन हर दफ्तर से सिर्फ निराशा ही मिलती है।

सुबह 10 बजे तक पहुंचना अब अनिवार्य छत्तीसगढ़ शासन ने जारी किया नया आदेश, 15 जून से आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू

सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार की यह व्यवस्था न तो पारदर्शिता दिखा पा रही है और न ही जिम्मेदारी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने तकनीक का उपयोग जनता की मदद के बजाय उसे सताने और उलझाने के लिए किया है। लगातार शिकायतों और विरोध के बावजूद न तो खामियों को दूर किया जा रहा है और न ही वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग केवल वसूली एजेंट बनकर काम कर रहे हैं, जिन्हें किसानों की चिंता नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि ई-कोर्ट से जुड़े कई राजस्व मामले आज तक ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं हो पाए हैं, जिससे पेंडेंसी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जनता के लिए न तो राहत की कोई व्यवस्था है, और न ही कहीं उनकी सुनवाई।

सुरेंद्र वर्मा ने राजस्व अभिलेखों की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा कि ये सिर्फ दस्तावेज नहीं, बल्कि किसानों की पहचान और उनका आर्थिक आधार हैं। खरीफ फसल की शुरुआत हो चुकी है और राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज रकबे के अनुसार ही किसानों को खाद, बीज और नगदी सहायता मिलती है। साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण प्राप्ति और धान खरीदी की सीमा निर्धारण भी इन्हीं रिकॉर्ड्स पर आधारित होता है। ऐसे में नक्शा बंटवारे और अन्य राजस्व प्रकरणों को लंबित रखना सीधे-सीधे किसानों के हितों पर कुठाराघात है।

ईरान-इजरायल युद्ध : परमाणु ठिकानों पर हमले के जवाब में ईरान ने दागीं सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें, तनाव चरम पर

उन्होंने कहा कि नक्शा बंटवारा नहीं होने से हिस्सेदारों और पात्र हितग्राहियों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। वर्मा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं किया, और तत्काल तौर पर ऑफलाइन विकल्प शुरू नहीं किए, तो प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा।

Share.

About Us

CG NOW एक भरोसेमंद और निष्पक्ष न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो आपको छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया भर की ताज़ा, सटीक और तथ्य-आधारित खबरें प्रदान करता है। हमारी प्राथमिकता है जनता तक सही और निष्पक्ष जानकारी पहुँचाना, ताकि वे हर पहलू से जागरूक और अपडेटेड रहें।

Contact Us

Syed Sameer Irfan
📞 Phone: 94255 20244
📧 Email: sameerirfan2009@gmail.com
📍 Office Address: 88A, Street 5 Vivekanand Nagar, Bhilai 490023
📧 Email Address: cgnow.in@gmail.com
📞 Phone Number: 94255 20244

© 2025 cgnow.in. Designed by Nimble Technology.

error: Content is protected !!
Exit mobile version