दंतेवाड़ा

नक्सली हमले के मास्टरमाइंड का चेहरा आया सामने, नक्सली लीडर जगदीश सोढ़ी की फोटो वायरल; 12 नामजद

घात लगाए नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में अरनपुर मार्ग पर पालनार में ब्लास्ट कर दिया। बताया जा रहा है कि जवान एक प्राइवेट वाहन से निकले थे।आईईडी ब्लास्ट की चपेट में जवानों का वाहन भी गया। इसमें 10 जवान शहीद हो गए और एक नागरिक की भी मौत हो गई।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले के मास्टर माइंड का चेहरा सामने आ गया है। नक्सली लीडर जगदीश सोढ़ी की तस्वीर वायरल हो रही है। वह पांच लाख रुपये का इनामी है। पुलिस ने अरनपुर ब्लास्ट मामले में जगदीश सोढ़ी सहित 12 नक्सलियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। यह सभी नक्सली दरभा डिवीजन कमेटी के हैं। तीन दिन पहले हुए नक्सलियों के किए गए आईईडी ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हो गए थे और एक नागरिक की मौत हुई थी।

सुकमा का रहने वाला है मास्टर माइंड
हमले का मास्टर माइंड नक्सली लीडर जगदीश पहले कटेकल्याण एरिया कमेटी का सचिव था। बस्तर में लगातार बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम देने की वजह से उसे नक्सलियों की दरभा डिविजन के मिलिट्री दलम में शामिल किया गया है। जगदीश छत्तीसगढ़ के ही सुकमा जिले के पुअर्ति गांव का रहने वाला है। वह कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा। फिलहाल पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। उसके साथ लख्खे, लिंगे, सोमडू, महेश, हिड़मा, उमेश, देवे, नंद कुमार, लखमा, कोसा, मुकेश व अन्य पर एफआईआर की गई है।

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वारदात से पहले गिरफ्तार नक्सलियों की शिनाख्त
अरनपुर वारदात से ठीक एक दिन पहले 26 अप्रैल को पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ इसी इलाके में हुई थी। इस दौरान जवानों ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इनकी शिनाख्त हो गई है। एक की पहचान मिलिशिया सदस्य लखमा कवासी और दूसरे की मिलिशिया सदस्य सन्ना के रूप में हुई है। दोनों सुकमा जिले के जगरगुंडा के रहने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि, मुठभेड़ में सन्ना की जांघ में गोली लगी थी। मुठभेड़ स्थल से जवानों ने पिट्ठू, नक्सल साहित्य, समेत दैनिक उपयोग के सामान बरामद किए थे।


नक्सलियों ने दो माह पहले ही लगा दिया था आईईडी
पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि दंतेवाड़ा में हुए शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को नक्सलियों ने कम से कम दो महीने पहले लगाया था। बुधवार को हमले से एक दिन पहले किए गए बारूदी सुरंगे हटाने के अभ्यास के दौरान भी विस्फोटक का पता नहीं चला। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि मिट्टी की उस परत पर घास उगी हुई थी, जिसके नीचे विस्फोटक से जुड़े तार को छिपाया गया था। ऐसा लगता है कि सड़क के किनारे से सुरंग खोदकर इसे 3 से 4 फीट नीचे रखा गया था।

लौट रहे जवानों की गाड़ी ब्लास्ट से उड़ाई
माओवादी कैडर की मौजूदगी की सूचना पर दंतेवाड़ा से डीआरजी जवानों को रवाना किया गया था। इसके बाद सभी जवान बुधवार दोपहर वहां से लौट रहे थे। इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में अरनपुर मार्ग पर पालनार में ब्लास्ट कर दिया। बताया जा रहा है कि जवान एक प्राइवेट वाहन से निकले थे।आईईडी ब्लास्ट की चपेट में जवानों का वाहन भी गया। इसमें 10 जवान शहीद हो गए और एक नागरिक की भी मौत हो गई।


ये जवान हुए शहीद
हेड कॉन्सटेबल जोगा सोढी, मुन्ना राम कड़ती, संतोष तामो, नव आरक्षक दुल्गो मण्डावी, लखमू मरकाम, जोगा कवासी, हरिराम मण्डावी, गोपनीय सैनिक राजू राम करटम, जयराम पोड़ियाम और जगदीश कवासी शहीद हुए हैं। इनके साथ ही प्राइवेट वाहन के चालक धनीराम यादव की भी मौत हो गई है।

PLGA ने ली है ब्लास्ट की जिम्मेदारी
दंतेवाड़ा में बुधवार दोपहर हुए नक्सली हमले की जिम्मेदारी नक्सलियों की दरभा डिवीजन कमेटी ने ली है। वारदात को संगठन के PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) ने अंजाम दिया था। इसे लेकर दरभा डिविज़न के सचिव साइनाथ ने प्रेस नोट जारी किया था। इसमें कहा कि अरनपुर हमला सरकारों की ओर से उनके ऊपर की जा रही कार्रवाई का जवाब है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हमारे उन्मूलन की बात कही थी।

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