बिलासपुर: भरोसा जब टूटा, तो अपने भी बेगाने लगने लगे। शहर में सामने आए दो मामलों ने साबित कर दिया कि ठगी सिर्फ अजनबियों से नहीं, बल्कि अपने नाम पर भरोसा करने वालों से भी हो सकती है। पहला मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है, जहां एक व्यक्ति ने अपने छोटे बेटे के साथ मिलकर बड़े बेटे के खाते से फर्जी हस्ताक्षर करके 6 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित शिवांग शेखर को छह साल तक इस धोखे की भनक तक नहीं लगी।
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बैंक में खाता बंद कराने पहुंचे शिवांग को स्टेटमेंट देखकर पता चला कि 2018 से 2024 के बीच उसके भाई राहुल कुमार ने संयुक्त खाते से उसके नाम से हस्ताक्षर कर रकम निकाल ली है। जब शिवांग ने पिता रजत कुमार यादव और छोटे भाई से पैसे लौटाने की बात कही, तो उल्टा धमकी देकर साफ मना कर दिया। मामले में पुलिस ने दोनों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
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दूसरा मामला तोरवा थाना क्षेत्र से जुड़ा है। यहां 12 साल पुराने परिचित ने दोस्ती का फायदा उठाकर 41 लाख 50 हजार रुपये हड़प लिए। कश्यप कॉलोनी निवासी रितेश पाठक ने बताया कि ठेका कार्य करने वाले दिनेश मुदलीयार ने काम के बहाने अलग-अलग किश्तों में उनसे रुपए लिए। शुरुआत में कुछ रकम लौटा कर भरोसा बनाए रखा, फिर एक दिन अचानक फरार हो गया। यहां भी भरोसा जीतने के लिए आरोपी ने खाली चेक, एग्रीमेंट और वर्क ऑर्डर तक दिखाए थे। पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

