18 अक्तूबर, 2025 | शनिवार
देशभर में आज श्रद्धा और आस्था के साथ धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष पर्व माना जाता है। दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व की शुरुआत इसी दिन से होती है। इस दिन न केवल खरीदी की परंपरा होती है, बल्कि कुछ विशेष उपाय और पूजन विधियां भी ऐसी मानी गई हैं, जिनसे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धनतेरस 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष धनतेरस पर पूजा का शुभ समय शाम 5:48 बजे से रात 10:33 बजे तक रहेगा। इसी दौरान मां लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
धनतेरस पर किसकी पूजा की जाती है?
धनतेरस पर तीन प्रमुख देवताओं की पूजा होती है:
- मां लक्ष्मी – धन, वैभव और समृद्धि की देवी
- भगवान धन्वंतरि – आयुर्वेदाचार्य एवं देवताओं के वैद्य
- भगवान कुबेर – देवताओं के कोषाध्यक्ष और धन के अधिपति
इन तीनों की संयुक्त पूजा से धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
धनतेरस पर करें ये खास उपाय – मिलेगा विशेष लाभ
🔸 उपाय 1:
धनतेरस से दीपावली तक रोजाना देवी-देवताओं की पूजा विधि-विधान से करें। इससे जीवन में सुख-शांति और उन्नति आती है।
🔸 उपाय 2:
शुभ मुहूर्त में बाजार से 11 गोमती चक्र खरीदें। इन पर चंदन लगाकर लक्ष्मी पूजन में उपयोग करें और लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। इससे धन की कमी दूर होती है।
🔸 उपाय 3:
इस दिन नई झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना गया है। झाड़ू से घर की सफाई करने से दरिद्रता दूर होती है और मां लक्ष्मी का वास होता है।
🔸 उपाय 4 (विशेष):
पूजन के बाद रात में 21 साबुत चावल के दाने, जिन्हें केसर या हल्दी से रंगा गया हो, लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या गल्ले में रखें। इससे तिजोरी में स्थायी लक्ष्मी का वास होता है।
🔸 अतिरिक्त उपाय:
घर या दुकान की तिजोरी पर मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें वे कमल पर विराजमान हों और उनके पास दो हाथी सूंड उठाए हुए दिखाई दें। इससे बरकत बनी रहती है।
धनतेरस पर भूलकर भी न करें ये गलतियां:
❌ लोहे का सामान न खरीदें।
❌ काले कपड़े और तेल की खरीद से बचें।
❌ पुराने बर्तनों से पूजन न करें।
❌ पूजा के समय साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
यमराज पूजा का महत्व – अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए करें ये उपाय:
धनतेरस के दिन शाम को यमराज की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अन्न की ढेरी पर चारमुखी दीपक रखें और यमराज का स्मरण कर उनसे परिवार की सुरक्षा की प्रार्थना करें।
धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु एक बार पृथ्वी पर भ्रमण को निकले। मां लक्ष्मी भी साथ जाना चाहती थीं, परंतु भगवान ने उन्हें आज्ञा न मानने पर एक किसान के घर 12 वर्षों तक रहने का दंड दिया। मां लक्ष्मी के वहां वास करते ही वह गरीब किसान धन-धान्य से भर गया। 12 वर्ष बाद लौटते हुए मां लक्ष्मी ने वचन दिया कि अगर कोई कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को घर की सफाई करके दीप जलाकर मेरी पूजा करेगा, तो मैं सदा उसके घर में वास करूंगी। इसी से धनतेरस पर घर की सफाई और दीपदान की परंपरा शुरू हुई।
धनतेरस पर भगवान कुबेर की आरती:
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥
पूरी आरती में भगवान कुबेर की धन, रक्षा, बल-बुद्धि और समृद्धि देने वाली शक्तियों का गुणगान किया गया है। इस दिन आरती गाने से धन और वैभव का आशीर्वाद मिलता है।
धनतेरस पर क्या खरीदना होता है शुभ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर निम्न चीजों की खरीदारी शुभ मानी जाती है:
- सोना-चांदी
- पीतल या तांबे के बर्तन
- धनिया के बीज (खेतों की उन्नति का प्रतीक)
- झाड़ू (दरिद्रता नाशक)
- गोमती चक्र और शंख
- दीपक और पूजा सामग्री
- कीमती चीजें जैसे गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि
धनतेरस 2025 पर देशभर में उत्सव का माहौल
देशभर के बाजारों में आज भारी भीड़ देखने को मिली। लोग पारंपरिक वस्तुओं के साथ-साथ आधुनिक चीजों जैसे कि मोबाइल, टीवी, फ्रिज और कारें भी खरीद रहे हैं। मिठाई की दुकानों, पूजा सामग्री विक्रेताओं और ऑटोमोबाइल शोरूम्स में आज रौनक का माहौल है।
धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का संदेश देने वाला पर्व है धनतेरस
यह दिन न केवल खुशहाली और धन-धान्य का प्रतीक है, बल्कि यह हमें स्वास्थ्य, सदाचार और धार्मिक अनुशासन का भी स्मरण कराता है। मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा करके व्यक्ति जीवन के तीन सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों—धन, स्वास्थ्य और सुरक्षा—में सफलता प्राप्त कर सकता है।

