बीजापुर

आदिवासी लालची नहीं होते, नेहरू गांधी परिवार का आदमी हूं, जानिए ऐसा क्यों बोले मंत्री कवासी लखमा

दो दिन के बीजापुर प्रवास पर आये प्रदेश के आबकारी व जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा एक बार फिर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए। बस्तर में दादी के नाम से लोकप्रिय मंत्री कवासी लखमा ने यहां बस स्टैंड में ऐसा कुछ किया कि लोग दादी के मुरीद हो गए।दरअसल कलेक्टरेट में समीक्षा बैठक के बाद मंत्री लखमा बीजापुर के नये बस स्टैंड पहुंचे। उनके साथ विधायक विक्रम मण्डावी भी मौजूद थे। उन्होंने ने यहां स्थानीय व्यापरियों से भेंट मुलाकात के दौरान मंत्री लखमा एक ठेले पर गये और वहां जाकर चाय बनाई। इतना ही नहीं उन्होंने पास के ही एक अंडे के ठेले पर पहुंचकर वहां मौजूद कुछ लोगों को उबले अंडे बांटे और खुद भी उबले अंडे का लुत्फ लिया। कोंटा विधानसभा से लगातार चार बार के विधायक व वर्तमान में प्रदेश के मंत्री कवासी लखमा बस्तर में दादी के नाम से प्रसिद्ध हैं।अपनी ठेठ बोली और सादगी के लिए चर्चित प्रदेश के आबकारी व जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे बिल्कुल भी सीएम का चेहरा नहीं हैं। राहुल गांधी ने एक तेंदूपत्ता तोड़ने वाले को मंत्री बनाया है।यहां विभिन्न निर्माण कार्यो के भूमिपूजन व विभागीय समीक्षा बैठक के लिए अपने दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे प्रदेश के आबकारी एवं जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कलेक्ट्रेट परिसर में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के लिए प्रदेश भर में दौरा किया। उन्हें ज्यादातर स्कूल आश्रम व छात्रावासों के जर्जरता की शिकायत मिली। इन स्कूल व आश्रमों के जीर्णोद्वार व इसे बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 1 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। इससे प्रदेश के सभी स्कूल आश्रमों को बेहतर ढंग से संवारने के काम शुरू कर दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि आज नेलसनार में 3 करोड़ 50 लाख की लागत से निर्मित होने वाले भवन का भूमिपूजन किया गया है। इन कामों को तय समय पर करने के लिए उन्होंने प्रशासन को सख्त हिदायत दी हैं। मंत्री लखमा ने धान खरीदी के बारे में बताया कि कांग्रेस सरकार में धान खरीदी बढ़ी हैं। इस साल भी धान खरीदी में 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई हैं।  वहीं उन्होंने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान पर कहा कि इस पर पार्टी की तरफ से बयान आ गया है। फिर भी उन्होंने कहा कि एक बैल चराने, तेंदूपत्ता तोड़ने वाले के मंत्री बन जाने से उनके पेट मे दर्द हो रहा हैं। उन्होंने कहा की झीरम घटना के वक्त किसकी सरकार थी.? डीजी को पत्र लिखने के बाद भी सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ? कांग्रेस के नेताओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ? आखिर सुरक्षा देने से कौन रोक रहा था ? आज हमारी सरकार है और पूर्वमंत्री महेश गागड़ा और केदार कश्यप को सुरक्षा दी जा रही हैं। लेकिन उस समय हमारे नेताओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। लखमा ने कहा कि पूर्व मंत्री चंद्राकर आने वाला चुनाव हार रहे हैं। इसलिए पागलपन में ऊलजुलूल बयानबाजी कर रहे हैं। वे मीडिया में बने रहने के लिए ऐसा करते रहते हैं। वहीं आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल पर मंत्री लखमा ने कहा कि वे सीएम का चेहरा बिल्कुल भी नहीं है। एक तेंदूपत्ता तोड़ने वाले आदिवासी को राहुल गांधी ने मंत्री बनाया है। ये ही उनके लिए बहुत हैं। वे नेहरू गांधी परिवार के आदमी हैं।

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