सूरजपुर

बंद कोयला खदान में डूबने से दो बहनों की मौत, नहाने के लिए गई थीं, फिर नहीं लौंटी, सुबह मिले शव

सूरजपुर में बंद कोयला खदान में डूबने से दो सगी बहनों की मौत हो गई। 10 और 11 साल की दोनों बहने मंगलवार शाम को नहाने के लिए गई थीं। इसके बाद देर रात तक नहीं लौटीं। परिजन जब रात को घर आए तो उन्हें जानकारी मिली। रात भर तलाश करने के बाद भी जब बच्चियों का पता नहीं चला तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद बुधवार को दोनों बहनों के शव बरामद हुए। मामला बिश्रामपुर थाना क्षेत्र का है।

मां घर लौटी तो छोटे भाई ने दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, बिश्रामपुर रेलवे स्टेशन के पास फोकटपारा निवासी रामजी फकीर का परिवार भिक्षाटन करता है। उसकी बेटियां शकीला (11) और बिट्टू (10) मंगलवार शाम करीब 4 बजे क्वार्टर के पीछे स्थित एसईसीएल की बंद खदान क्वारी नंबर पांच में नहाने के लिए गई थीं। इसके बाद रात तक घर नहीं लौंटी। जब उनकी मां अंबिकापुर से भिक्षाटन के बाद घर आई तो छोटे भाई ने दोनों बहनों के नहाने जाने को लेकर जानकारी दी।

मध्य प्रदेश का रहने वाला है परिवार
इसके बाद अनहोनी की आशंका पर मां ने सूचना पुलिस को दी गई। इस पर पुलिस और नगर सैनिक के गोताखोरों की टीम बुधवार को मौके पर पहुंची और दोनों बहनों की तलाश शुरू की। काफी मशक्कत से करीब दो घंटे के बाद दोनों बहनों के शव खदान के पोखर से बरामद हो गए। पुलिस ने दोनों बहनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। दोनों बहनों का परिवार मध्यप्रदेश के कटनी का रहने वाला है और यहां भिक्षाटन करता है।

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पहले भी हो चुके हैं हादसे
विश्रामपुर में एसईसीएल की बंद ओसीएम में पानी भरने से ये खदानें जानलेवा हो गई हैं। यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। इनमें से एक केनापारा बंद पोखरी को पर्यटन स्थल के पर भी किया गया है। अन्य बंद पड़ी कोयला खदानों में पानी भर जाने के कारण ये खदान अब भी खुले पड़े हुए हैं। जहां सुरक्षा का कोई साधन भी नहीं है। इसके कारण ये खदान जानलेवा बने हुए हैं।

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