IOCL भर्ती 2025: ग्रेजुएट इंजीनियर के पदों पर भर्ती, अंतिम तिथि और योग्यता जानें

हिंदू धर्म में मां की ममता और बच्चों के लिए उसके त्याग को सर्वोपरि माना गया है। इसी भावना का प्रतीक है जितिया व्रत, जिसे माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। यह व्रत अत्यंत कठिन और श्रद्धा-पूर्ण होता है, जिसमें माताएं पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं।

जितिया व्रत हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है, जबकि एक दिन पहले सप्तमी तिथि को नहाय-खाय की परंपरा निभाई जाती है।

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग में 500 से अधिक पदों पर भर्ती, बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

इस साल जितिया व्रत कब है?

🔹 नहाय-खाय की तिथि:
इस वर्ष नहाय-खाय की परंपरा 13 सितंबर 2025, शनिवार को निभाई जाएगी। इस दिन महिलाएं पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं।

🔹 व्रत तिथि (अष्टमी):
14 सितंबर 2025, रविवार को अष्टमी तिथि के साथ जितिया व्रत रखा जाएगा।

  • अष्टमी तिथि का आरंभ: 14 सितंबर को सुबह 05:04 बजे
  • अष्टमी तिथि का समापन: 15 सितंबर को सुबह 03:06 बजे

शास्त्रों के अनुसार, उदयातिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए व्रत 14 सितंबर को सूर्योदय से पहले शुरू कर दिया जाएगा और महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास करेंगी।

🔹 व्रत का पारण (नवमी के दिन):
व्रत का पारण 15 सितंबर 2025, सोमवार को किया जाएगा।
महिलाएं अष्टमी तिथि समाप्त होने के बाद सुबह स्नान कर, तुलसी में जल अर्पित करके और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करके व्रत का विधिपूर्वक पारण करेंगी।

Hindi medium स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी: IIT-Jodhpur का लैंग्वेज मॉडल अब पूरे देश में लागू

जितिया व्रत का महत्व

  • जितिया व्रत खासतौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  • इस दिन माताएं भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं, जो त्याग और बलिदान के प्रतीक माने जाते हैं।
  • यह व्रत न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि यह मां-बच्चे के रिश्ते की मजबूती और ममता की गहराई को भी दर्शाता है।

ऑटोमैटिक SUVs की धूम: ऑफिस के लिए बेस्ट 5 सस्ते मॉडल, कीमत सिर्फ ₹6.17 लाख से शुरू

व्रत के नियम संक्षेप में:

  1. नहाय-खाय के दिन सिर्फ सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  2. अष्टमी तिथि को सूर्योदय से पहले भोजन कर लें, फिर दिनभर निर्जला उपवास रखें।
  3. जीमूतवाहन देव की पूजा और कथा का श्रवण करें।
  4. नवमी तिथि को व्रत पारण करें — तुलसी पूजन और जल अर्पण के साथ।

Wifi Tips: रात में WiFi बंद करना क्यों जरूरी? 99% लोग नहीं जानते ये फायदे

यह व्रत माताओं के लिए अत्यंत कठिन तपस्या का प्रतीक है, इसलिए व्रत के नियमों का पालन पूरी श्रद्धा, संयम और शुद्धता के साथ करना चाहिए।

 

Share.

About Us

CG NOW एक भरोसेमंद और निष्पक्ष न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो आपको छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया भर की ताज़ा, सटीक और तथ्य-आधारित खबरें प्रदान करता है। हमारी प्राथमिकता है जनता तक सही और निष्पक्ष जानकारी पहुँचाना, ताकि वे हर पहलू से जागरूक और अपडेटेड रहें।

Contact Us

Syed Sameer Irfan
📞 Phone: 94255 20244
📧 Email: sameerirfan2009@gmail.com
📍 Office Address: 88A, Street 5 Vivekanand Nagar, Bhilai 490023
📧 Email Address: cgnow.in@gmail.com
📞 Phone Number: 94255 20244

© 2025 cgnow.in. Designed by Nimble Technology.

error: Content is protected !!
Exit mobile version