सर्दियों का मौसम आते ही हर कोई ऐसे खाने की तलाश में रहता है जो स्वाद भी बढ़ाए और शरीर को अंदर से गर्माहट भी दे। भारत के देसी व्यंजन न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होते हैं बल्कि इनमें मौजूद पोषक तत्व ठंड के मौसम में प्राकृतिक सुरक्षा ढाल का काम करते हैं। बाजरे की रोटी, सरसों का साग, गुड़-तिल की चिक्की और मक्का की खिचड़ी जैसे पारंपरिक भोजन ठंड से बचाने में बेहद असरदार साबित होते हैं। ये देसी डिशेज पाचन सुधारने, ऊर्जा बढ़ाने और शरीर में गर्मी बनाए रखने में मददगार हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में क्यों जरूरी है ये पारंपरिक देसी सुपरफूड।
बाजरे की रोटी: सर्दियों की सबसे ताकतवर देसी डिश
सर्दियों में बाजरे की रोटी खास तौर पर खाई जाती है क्योंकि यह आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होती है। यह शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देती है और पाचन को मजबूत करती है। घी और गुड़ के साथ इसे खाने पर इसका पौष्टिक मूल्य कई गुना बढ़ जाता है।
सरसों का साग और मक्के की रोटी: स्वाद और स्वास्थ्य का परफेक्ट कॉम्बो
सर्दियों का सबसे पारंपरिक भोजन है सरसों का साग, जो विटामिन A, C, K और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और ठंड से बचाने में बेहद असरदार है। गरमागरम मक्के की रोटी के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। यह कॉम्बिनेशन सर्दियों में शरीर को प्राकृतिक गर्मी प्रदान करता है।
गुड़-तिल की चिक्की:ऊर्जा और गर्माहट का खजाना
गुड़-तिल की चिक्की सर्दियों में अत्यंत फायदेमंद होती है। तिल शरीर को गर्म रखने में मदद करता है जबकि गुड़ खून को साफ कर ऊर्जा प्रदान करता है।
मक्का की खिचड़ी
वहीं मक्का की खिचड़ी हल्की, सुपाच्य और देसी घी से तैयार होने पर सर्दियों में शरीर के तापमान को संतुलित रखती है। यह पूरे दिन ऊर्जा और गर्माहट बनाए रखती है।
सर्दियों में देसी भोजन सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि शरीर को प्राकृतिक गर्माहट और मजबूती भी देता है। इन व्यंजनों को अपने रोज़ाना के खानपान में शामिल करके आप ठंड से बचाव और बेहतर स्वास्थ्य दोनों पा सकते हैं।
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