मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर और मध्य भारत में ठंड तेजी से बढ़ रही है। आने वाले दो दिनों यानी 16 और 17 नवंबर को शीतलहर की स्थिति कई राज्यों में सबसे तीखी रहने वाली है। तापमान में तेज गिरावट के कारण सुबह और रात के समय सर्दी असामान्य रूप से बढ़ सकती है।
उत्तर और मध्य भारत में बढ़ रहा ठंड का असर
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे जाने के संकेत हैं। ठंडी उत्तरी हवाओं के चलते पारा लगातार गिर रहा है और अगले अड़तालीस घंटे सबसे कठिन साबित हो सकते हैं।
दिन में भी ठंडी हवाओं का असर
मौसम विभाग का कहना है कि रात के साथ ही दिन में भी सर्द हवाएं चलेंगी। कई शहरों में अधिकतम तापमान भी सामान्य से कम रह सकता है। कुछ जिलों में न्यूनतम तापमान आठ से दस डिग्री तक पहुंच सकता है जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह इससे भी नीचे जाने की संभावना है।
कोहरे की दस्तक
तापमान गिरने के साथ सुबह के समय कोहरे का प्रकोप भी बढ़ सकता है। दृश्यता पचास से दो सौ मीटर तक सीमित हो सकती है जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की आशंका है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शीतलहर के दौरान बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को ठंडी हवा से बचने और सुबह शाम बाहर निकलने पर गर्म कपड़ों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
कृषि पर भी असर
तेज ठंड और संभावित पाला पड़ने से खेतों की सब्जियों और कई फसलों पर असर हो सकता है। किसानों को रात में खेतों में धुआं करने और सिंचाई के माध्यम से तापमान संतुलित रखने की सलाह दी गई है।
राहत के फिलहाल आसार नहीं
मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह तक ठंड का यह दौर जारी रह सकता है और तापमान और नीचे जा सकता है। उत्तर और मध्य भारत धीरे धीरे सर्दी के मुख्य दौर में प्रवेश कर रहे हैं।


