रायपुर : छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना भू अर्जन मुआवजा राशि घोटाले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भी जांच की जा सकती है. छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है. रायपुर-विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर के मुआवजा घोटाला मामले की प्रशासनिक व ईओडब्ल्यू-एसीबी की जांच हो चुकी है. जांच में राजस्व अअधिकारियों को घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. साथ ही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने एनएचएआई के तीन अधिकारियों की भी संप्तिता मानकर प्रकरण तो दर्जकर लिया है, लेकिन जांच एजेंसी को एनएचएआई ने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति नहीं दी है.
जशपुर में 22 लाख से अधिक अवैध शराब तस्करी का खुलासा: पंजाब से बिहार जा रही ट्रक पकड़ी, दो गिरफ्तार
एनएचएआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की रही है. ऐसे में एनएचएआई के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाना उचित नहीं है. एनएचएआई के अफसरों का कहना है कि रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. जांच रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार इस मुआवजा घोटाला प्रकरण को ईडी या सीबीआई को सौंप सकती है. गौरतलब है कि ईडी ने भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले के संबंध में दर्ज एफआईआर व जांच प्रतिवेदन की जानकारी ईओडब्ल्यू से मांगी थी. इस मामले में ईडी की ओर से ईसीआईआर दर्ज की जा सकती है.
नवा रायपुर में 5 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव पर भव्य एयर शो, ‘सूर्यकिरण’ का शौर्य चमकाएगा आसमान
जानकारों का कहना है कि ये घोटाला शुरुआती अनुमान से कहीं ज्यादा बड़ा है, जिसमें कुछ आईएएस के नाम भी चर्चा में आ रहे हैं. जमीन का आकार छोटा करके तीन से सात गुना तक ज्यादा मुआवजा सरकार से लेने से लेकर किसानों से जमीन खरीदकर उसे ज्यादा कीमत में बेचने समेत कई तरह के घोटाले सामने आ रहे हैं.

