रांची में बुधवार को पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक महिला समेत पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से तीन पाकिस्तान निर्मित पिस्तौल, सात मैगजीन, तेरह कारतूस, एक चार पहिया वाहन, छह मोबाइल फोन और दस लाख रुपये नकद बरामद किए। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी कोयलांचल शांति सेना गिरोह के सदस्य हैं, जिनका सीधा संबंध प्रिंस खान गिरोह से भी है। यह गिरोह लंबे समय से अवैध हथियारों की तस्करी और रंगदारी वसूली जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, BIT मेसरा थाना क्षेत्र के चुटू ओवरब्रिज के पास से चार पुरुष अपराधियों को पकड़ा गया, जबकि आर्गोरा थाना क्षेत्र से एक महिला को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार महिला की पहचान केएसएस गिरोह के सरगना सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा के रूप में हुई है। गिरफ्तार पुरुषों में इनामुल हक उर्फ बाबलू खान, उसका अंगरक्षक रवि आनंद उर्फ सिंघा, मोहम्मद शाहिद उर्फ अफरीदी खान और मोहम्मद सिराज शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इनामुल हक के खिलाफ रांची के विभिन्न थानों में करीब दस आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक पारस राणा ने प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले महीने तुपुदाना थाना क्षेत्र में फायरिंग की एक घटना हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी केएसएस गिरोह ने ली थी। उस मामले में पुलिस ने पहले भी कुछ अपराधियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि केएसएस का सरगना सुजीत सिन्हा सीधे प्रिंस खान के संपर्क में है, जो इस समय संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है। दोनों के बीच लगातार बातचीत होती रहती थी और ये दोनों मिलकर पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब मार्ग से हथियार मंगवाते थे।
पुलिस की जांच में सामने आया कि इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापारियों को धमकाने और उनसे रंगदारी वसूलने के लिए किया जाता था। रांची में इनामुल हक अपने गिरोह के साथ मिलकर रंगदारी की रकम वसूलता था और यह पैसा सुजीत सिन्हा के गुर्गों के माध्यम से प्रिंस खान तक पहुंचाया जाता था। वहां से वह रकम यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेजी जाती थी, जिसका इस्तेमाल आगे और हथियार खरीदने तथा अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाता था।
रिया सिन्हा की भूमिका भी इस पूरे नेटवर्क में अहम रही है। पुलिस ने बताया कि रिया, इनामुल हक के साथ मिलकर रांची में हथियारों की आपूर्ति का काम करती थी। उसके खिलाफ पहले से गैर-जमानती वारंट जारी था। फिलहाल उसे ओरमांझी थाना में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया है और उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
सिटी एसपी पारस राणा ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि पाकिस्तान से आने वाले हथियारों की डिलीवरी पंजाब के रास्ते रांची तक की जा रही थी और इस काम में कुछ महिलाओं की भी भूमिका रही है। पुलिस को एक पाकिस्तानी हथियार सप्लायर का नाम भी मिला है, जिसकी तलाश अब जारी है।
राणा ने कहा कि पुलिस की टीम इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह मामला केवल राज्य नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले अपराध नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जिसकी कड़ियाँ पाकिस्तान और यूएई तक जाती हैं।
पुलिस का मानना है कि इस गिरफ्तारी के बाद रांची और आसपास के इलाकों में सक्रिय अपराध गिरोहों को एक बड़ा झटका लगा है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के और कई खुलासे होने की संभावना है।

