साल 1991 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘प्रहार’ एक दमदार और यादगार फिल्म थी, जिसमें भारतीय सेना की बहादुरी और साहस को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था। इस फिल्म में नाना पाटेकर, माधुरी दीक्षित और डिंपल कपाड़िया ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं। खास बात यह है कि नाना पाटेकर ने न केवल इसमें अभिनय किया, बल्कि इसका निर्देशन और कहानी लेखन भी उन्होंने खुद किया था। फिल्म में नाना पाटेकर ने मेजर चौहान का किरदार निभाया था, जो एक ऐसे अधिकारी की भूमिका थी जो देश सेवा के बाद समाज में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है। ‘प्रहार’ केवल एक सैन्य कहानी नहीं थी, बल्कि इसमें सामाजिक मुद्दों को भी गहराई से उठाया गया था, जिससे यह फिल्म भावनात्मक रूप से दर्शकों को भी छू गई।
इस फिल्म में एक खास बात यह भी थी कि पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी एक अहम भूमिका में नजर आए थे। हालांकि उनका रोल छोटा था, लेकिन उनकी मौजूदगी फिल्म की वास्तविकता और मजबूती को बढ़ाती थी। एक दृश्य में, जहां सेना के अधिकारी आतंकवादियों की योजना पर चर्चा कर रहे होते हैं, उस मीटिंग में नाना पाटेकर और कर्नल वीके सिंह (जो फिल्म में खुद के नाम से थे) अपने वरिष्ठ अधिकारी से निर्देश लेते दिखाए गए। इस सीन में वीके सिंह नाना पाटेकर को मिशन के लिए आवश्यक जानकारी समझाते हैं।
फिल्म की कहानी में आतंकवादियों द्वारा बच्चों को बंधक बनाए जाने और सरकार से उनकी मांगों की स्थिति को दर्शाया गया है, जिसमें नाना पाटेकर और वीके सिंह की जोड़ी मिशन को पूरा करती है। वीके सिंह का अभिनय यथार्थवादी और प्रभावशाली था, जो दर्शाता है कि वे केवल एक सैन्य अफसर ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन अभिनेता भी हैं।
जनरल वीके सिंह ने भी स्वीकार किया था कि फिल्म की प्रामाणिकता बनाए रखने के लिए असली सेना अधिकारियों को शामिल किया गया था, जिससे फिल्म की विश्वसनीयता और प्रभाव बढ़ा। नाना पाटेकर ने भी कई बार बताया कि उन्होंने ‘प्रहार’ में असली आर्मी अफसरों की मदद से फिल्म की कई सीन बनाए। ‘प्रहार’ आज भी ऐसी फिल्मों में गिनी जाती है जो सिर्फ मनोरंजन नहीं करती, बल्कि दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं।