केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत पेश किए गए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के विकल्प को चुनने की समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है। पहले यह 30 सितंबर थी। वित्त मंत्रालय ने यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से मिली ठंडी प्रतिक्रिया के बाद लिया है। अब कर्मचारियों के पास योजना चुनने और समझने के लिए अतिरिक्त दो महीने का समय है।
UPS में किए गए प्रमुख बदलाव
UPS में हाल ही में कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं। इसमें स्विच विकल्प, इस्तीफा या अनिवार्य सेवा निवृत्ति पर लाभ, कर छूट और अन्य लाभ शामिल हैं। पुराने ओपीएस (OPS) के उलट, यूपीएस योगदान आधारित पेंशन योजना है जिसमें कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% और सरकार 18.5% योगदान देगी। इससे कर्मचारियों को निश्चित पेंशन लाभ मिलेगा।
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केंद्रीय कर्मचारियों की प्रतिक्रिया और अब तक की स्थिति
सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से यूपीएस को NPS के विकल्प के रूप में पेश किया था। छह महीने में केवल करीब एक लाख केंद्रीय कर्मचारियों ने ही यूपीएस का विकल्प चुना, जबकि कुल पात्र कर्मचारियों की संख्या 23 लाख है। हितधारकों की मांग पर मंत्रालय ने समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया और PFRA को निर्देश दिया है कि वे नियमों और प्रणाली में आवश्यक संशोधन करें।
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UPS विकल्प चुनने की बढ़ाई गई समय सीमा कर्मचारियों को योजना समझने और सही निर्णय लेने का अवसर देती है। वित्त मंत्रालय ने इसे कर्मचारियों की सुविधा और हित में महत्वपूर्ण कदम बताया है। क्या आप इस फैसले से सहमत हैं? कमेंट करें और शेयर करें। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

