रायपुर, 7 नवंबर 2025।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के निर्देश के बावजूद सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट ने अस्पतालों में कुप्रबंधन पर कड़ी नाराजगी जताई है और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर गहरी असंतुष्टि व्यक्त की है। उन्होंने याद दिलाया कि राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में एक ही बिस्तर पर दो प्रसूताओं और नवजातों को सुलाने का मामला सामने आने के बाद न्यायालय ने सरकार को सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और सीजीएमएससी से नई रिपोर्ट और हलफनामा मांगा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार की नीयत सुधार की नहीं, बल्कि सब कुछ दबाने की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मरीज जांच, इलाज और दवा के अभाव में परेशान हैं, कई सरकारी अस्पतालों में दी जा रही दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल हो रही हैं, जबकि एम्बुलेंस, एमआरआई, सिटी स्कैन, एक्सरे और पैथोलॉजी जैसी सेवाएं ठप पड़ी हैं।
वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य विभाग कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है। ठेके और दलाली के चलते विभाग अघोषित रूप से ठेकेदारों के नियंत्रण में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने एक दागी स्टोरकीपर को राज्य फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाकर भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अमानक और नकली दवाओं की आपूर्ति पर सरकार ने अब तक किसी सप्लायर पर ठोस कार्रवाई नहीं की है, सिर्फ एडवाइजरी जारी कर लीपापोती की जा रही है। उन्होंने मांग की कि स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें या मुख्यमंत्री उन्हें पद से बर्खास्त करें।
वर्मा ने कहा, “यह सरकार शुतुरमुर्ग की तरह सिर झुकाकर सच्चाई से आंखें चुरा रही है, जबकि प्रदेश की जनता इलाज के अभाव में पीड़ित है।”

