गोवा के उत्तर जिले के अरपोरा गाँव में शुक्रवार देर रात एक नाइटक्लब में अचानक सिलिंडर विस्फोट होने से भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि पलभर में पूरी इमारत आग की चपेट में आ गई और बाहर निकलने का रास्ता बेहद कम रह गया। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 23 कर्मचारियों की मौत हो गई है, जिनके शव रातभर चले राहत-बचाव अभियान के दौरान बरामद किए गए। सभी मृतक क्लब में काम करने वाले कर्मचारी थे और किसी भी पर्यटक के हताहत होने की सूचना फिलहाल नहीं मिली है।
घटना की जानकारी मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तथा स्थानीय विधायक माइकल लोबो मौके पर पहुँचे। मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आग सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने की वजह से यह हादसा इतना बड़ा रूप ले पाया, इसलिए club management के साथ-साथ उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी जिन्होंने नियमों की अनदेखी की।
देर रात ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुँच गई थी। आग काबू में लाने में काफी समय लगा, क्योंकि विस्फोट के बाद क्लब के कई हिस्सों में आग फैल गई थी। राजधानी पणजी से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित यह नाइटक्लब पिछले साल ही खोला गया था और बताया जा रहा है कि घटनास्थल के आसपास के लोग भी तेज धमाके के बाद दहशत में आ गए थे।
राहत कर्मियों ने रातभर कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया और अंदर फंसे लोगों की तलाश की। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि क्लब ने आवश्यक अग्नि-सुरक्षा के कई मानकों का पालन नहीं किया था। इसी वजह से धमाके के बाद आग तेजी से फैली और कर्मचारियों को बाहर निकलने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। इस घटना के बाद अब पूरे पर्यटन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
गोवा पर्यटन का केंद्र माना जाने वाला अरपोरा इस हादसे के बाद मातम में डूबा है। प्रशासन के सामने अब मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने और ऐसे किसी भी हादसे की पुनरावृत्ति रोकने की चुनौती है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि विस्तृत जांच के बाद दोषियों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और सभी क्लबों व पर्यटन प्रतिष्ठानों की फायर सेफ्टी की पुनर्समीक्षा की जाएगी।

