Weather Alert: IMD ने जारी किया अलर्ट, बारिश और तेज हवाओं की संभावना
नई दिल्ली। जैसे ही 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर पहुँच रहा है, वैसे ही आने वाले वर्ष 2026 को लेकर ज्योतिषीय चर्चाएँ तेज हो गई हैं। प्राचीन पंचांग गणना के अनुसार हर वर्ष ग्रहों की चाल से यह तय किया जाता है कि उस साल का “राजा” और “मंत्री” कौन होगा, और यही ग्रह पूरे वर्ष के वातावरण, राजनीति, अर्थव्यवस्था और प्राकृतिक परिस्थितियों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। आने वाले वर्ष 2026 का राजा गुरु यानी बृहस्पति और मंत्री मंगल निर्धारित हुए हैं। इस ग्रह-युग्म को ज्योतिष विशेषज्ञ घटनाओं से भरा हुआ और निर्णायक समय मान रहे हैं।
80 टाँके… और बच गई जान : घायल कोबरा की रक्षा में इंसानियत ने दिखाई नई मिसाल
गुरु के राजा बनने का अर्थ है कि नए वर्ष में आध्यात्मिकता, धर्म और शिक्षा का प्रभाव बढ़ेगा। गुरु न्याय, सत्संगति और विवेक का प्रतीक है। इसकी राजसत्ता पूरे वर्ष समाज को संतुलन, शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकती है। धार्मिक आयोजनों की संख्या बढ़ेगी, बड़े धार्मिक समारोह और यात्राएँ लोगों का आकर्षण बनेंगी और जीवन में मानसिक शांति और आध्यात्मिक झुकाव का विस्तार होगा। शिक्षा के क्षेत्र में नीतिगत बदलावों के संकेत मिल सकते हैं, शोध और ज्ञान से जुड़े क्षेत्रों में नई पहलें होंगी और समाज में न्याय और सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम उठ सकते हैं। आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष भले ही तेज प्रगति न दिखाए, लेकिन स्थिरता और भरोसे का माहौल बनाए रखेगा। निवेश में धीरे-धीरे सुधार, बैंकिंग और कृषि के क्षेत्र में संतुलित प्रगति और लंबे समय के लिए लाभदायक परिणाम सामने आ सकते हैं।
लपटों में समा गया जिंदगी का पहिया चलाने वाला लोहे से लदा ट्रक बना मौत की आग का गोला
दूसरी ओर, मंगल के मंत्री बनने से वर्ष 2026 में ऊर्जा, साहस और उग्रता की तरंगें बढ़ सकती हैं। मंगल अग्नि और शक्ति का ग्रह माना जाता है, इसलिए राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में हलचलें तेज होने की संभावना है। सरकारों द्वारा त्वरित और प्रभावशाली फैसले लिए जा सकते हैं, जबकि राजनीतिक विवाद, तीखी बहसें और बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। वैश्विक स्तर पर तनावपूर्ण परिस्थितियाँ जन्म ले सकती हैं—कुछ क्षेत्रों में सीमा विवाद, सैन्य गतिविधियों में तेजी और देशों के बीच रिश्तों में खटास जैसी स्थितियाँ बन सकती हैं।
WhatsApp यूजर्स सावधान! ये 5 गलतियां अकाउंट को हमेशा के लिए बैन कर सकती हैं
मंगल का प्रभाव मौसम पर भी स्पष्ट दिखाई दे सकता है। वर्ष 2026 में कई क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी, लू, सूखा या अचानक आने वाली प्राकृतिक घटनाएँ समाचारों में छाई रह सकती हैं। जंगलों में आग या भूकंप जैसी अप्रत्याशित घटनाएँ विश्व के कई हिस्सों में चिंता का विषय बन सकती हैं। सामाजिक स्तर पर भी उग्रता और असंतोष की स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं, जिससे आंदोलन और टकराव जैसी घटनाओं में वृद्धि संभव है।
UIDAI ने किए 2 करोड़ आधार कार्ड निष्क्रिय, जानिए क्यों उठाया यह बड़ा कदम
कुल मिलाकर 2026 एक ऐसा वर्ष बन सकता है जिसमें गुरु की शांति और मंगल की उग्रता साथ-साथ चलेंगी। जहां एक ओर आध्यात्मिक और सामाजिक सुधारों का वातावरण मजबूत होगा, वहीं दूसरी ओर राजनीति, वैश्विक संबंध और प्रकृति में तनावपूर्ण घटनाएँ बढ़ सकती हैं। इस वर्ष को संतुलन और संघर्ष—दोनों का मिश्रण कहा जा सकता है, जो दुनिया को नई दिशाओं और नए अनुभवों से परिचित कराएगा।

