छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। अकलतरा थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार युवक निकेश टंडन (22 वर्ष) को टक्कर मार दी, जिसकी शुक्रवार को इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने न्याय की मांग करते हुए शव को सड़क पर रखकर 5 घंटे तक भीषण चक्का जाम कर दिया। उनकी मुख्य मांगें हैं: मृतक के लिए 20 लाख रुपये का मुआवज़ा और क्षेत्र में ट्रकों की नो-एंट्री लागू करना। इस वायरल खबर ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है और इलाके में टेंशन का माहौल बना हुआ है।
मौत का मंजर और परिजनों का गुस्सा
गुरुवार शाम करीब 5 बजे की यह घटना है, जब ग्राम खिसोरा निवासी युवक निकेश टंडन अपनी बाइक पर एक युवती को लेकर जा रहा था। पीछे से आ रहे एक अनियंत्रित तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार दोनों लोग ट्रक के नीचे आ गए। हादसे में युवती के पैर में चोट आई, जबकि निकेश को गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल अकलतरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए जांजगीर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अफसोस, उपचार के दौरान निकेश टंडन की मौत हो गई।
₹20 लाख मुआवज़ा और ‘नो-एंट्री’ की मांग
युवक की मौत की खबर सुनते ही परिजन और ग्रामीण शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचे और आक्रोशित हो गए। वे युवक का शव लेकर सड़क पर बैठ गए और चक्का जाम शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि क्षेत्र में भारी वाहनों की मनमानी के चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं। उन्होंने साफ शब्दों में प्रशासन से 20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने और तत्काल प्रभाव से इस इलाके में ट्रकों की नो-एंट्री लागू करने की मांग की। 5 घंटे तक चला यह प्रदर्शन लोगों के भारी गुस्से को दर्शाता है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाने के लिए घंटों तक परिजनों और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की।
प्रशासन की कार्रवाई और तनावपूर्ण माहौल
सड़क जाम होने से लोगों को खासी परेशानी हुई, लेकिन परिजनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उनकी मांग थी कि कोई उच्च अधिकारी मौके पर आए और उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन दे। यह पूरी घटना जांजगीर-चांपा सड़क सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। प्रशासन को इस तरह के गंभीर सड़क हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ट्रक दुर्घटनाएं ज़्यादा होती हैं। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले सकता है, क्योंकि स्थानीय लोगों में ट्रक परिवहन के खिलाफ पहले से ही रोष व्याप्त है। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

