सीरियल चाइल्ड किलर महिला गिरफ्तार: 4 बच्चों की हत्या का आरोप, खूबसूरत बच्चों से जलन के चलते करती थी वारदात

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को सनातन धर्म में बेहद शुभ और पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पूर्ण रूप में चमकता है, जिससे धरती पर सकारात्मक ऊर्जा और शांति का खास प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह दिन पूजा-पाठ, दान और धार्मिक साधना के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा आज के दिन अवश्य की जाती है।

इस साल की आखिरी मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025, गुरुवार को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि सुबह 8:36 बजे शुरू होकर अगले दिन 5 दिसंबर सुबह 4:42 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर सभी पूजा और व्रत 4 दिसंबर को ही किए जाएंगे।

इस बार पूर्णिमा पर भद्रा काल भी लग रहा है, जो सुबह 8:36 बजे से शाम 6:41 बजे तक रहेगा। लेकिन यह भद्रा स्वर्ग लोक में मानी गई है, इसलिए इसका कोई अशुभ असर नहीं पड़ेगा और भक्त बिना किसी बाधा के पूजा और दान कर सकते हैं।

संचार साथी ऐप पर केंद्र का बड़ा फैसला: अब फोन में प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य नहीं, सरकार ने कहा—ऐप की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही

मार्गशीर्ष मास का महत्व गीता में भी मिलता है, जहां श्रीकृष्ण कहते हैं— “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूँ। इससे इस महीने की आध्यात्मिक शक्ति और पवित्रता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। साल की अंतिम पूर्णिमा होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

इस पूर्णिमा पर अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ अत्यंत शुभ माना गया है। यह स्तोत्र माता लक्ष्मी के आठ रूपों की स्तुति करता है और माना जाता है कि इसके पाठ से जीवन में धन, सौभाग्य, शांति और सफलता का मार्ग खुलता है। आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं, व्यवसाय में तरक्की मिलती है और परिवार में सौहार्द बढ़ता है। इसके साथ ही मन में धैर्य, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है।

पान मसाला के हर पैक पर अब अनिवार्य होगा खुदरा मूल्य; 1 फरवरी 2026 से लागू होगा नया नियम

इस दिन सुबह स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। चंद्र देव को खीर या दूध से बने भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। पवित्र नदियों में स्नान और पीली वस्तुओं—जैसे गुड़, चना, हल्दी, पीले वस्त्र—का दान करना बहुत ही पुण्यदायी होता है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी उतना ही फलदायी माना गया है।

पूर्णिमा के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। क्रोध, कटु वचन, नाखून काटना और घर में गंदगी रखना अशुभ माना जाता है। तामसिक भोजन से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि मन और वातावरण दोनों शुद्ध रहे।

इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ भगवान दत्तात्रेय जयंती भी मनाई जा रही है। इन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का संयुक्त अवतार माना जाता है। इनकी पूजा से त्रिदेवों का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त होता है।

दंतेवाड़ा–बीजापुर सीमा पर भीषण मुठभेड़: 12 नक्सली ढेर, DRG के 3 जवान शहीद, जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी

मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि भी कहा गया है। इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा जीवन को पवित्र बनाते हैं और मन में दिव्यता का संचार करते हैं। श्रद्धा से किया गया हर कार्य पूरे वर्ष के लिए सुख, शांति और समृद्धि का द्वार खोल देता है।

 

Share.

About Us

CG NOW एक भरोसेमंद और निष्पक्ष न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो आपको छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया भर की ताज़ा, सटीक और तथ्य-आधारित खबरें प्रदान करता है। हमारी प्राथमिकता है जनता तक सही और निष्पक्ष जानकारी पहुँचाना, ताकि वे हर पहलू से जागरूक और अपडेटेड रहें।

Contact Us

Syed Sameer Irfan
📞 Phone: 94255 20244
📧 Email: sameerirfan2009@gmail.com
📍 Office Address: 88A, Street 5 Vivekanand Nagar, Bhilai 490023
📧 Email Address: cgnow.in@gmail.com
📞 Phone Number: 94255 20244

© 2025 cgnow.in. Designed by Nimble Technology.

error: Content is protected !!
Exit mobile version