सावन माह का पवित्र समय चल रहा है और इसी महीने में आने वाला नाग पंचमी का पर्व विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व रखता है। वर्ष 2025 में नाग पंचमी का त्योहार मंगलवार, 29 जुलाई को मनाया जाएगा। यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति, जीव-जंतुओं और आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की विधिवत पूजा करने से काल सर्प दोष, नाग दोष और जीवन की अन्य बाधाओं से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्य डॉ. मनीष गौतम जी महाराज के अनुसार, नाग पंचमी न केवल सर्प भय से रक्षा करती है, बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, जिससे पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि आती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि 28 जुलाई 2025 को रात 11:24 बजे शुरू होगी और 30 जुलाई को सुबह 12:46 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को मान्यता मिलने के कारण यह पर्व 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:41 से 8:23 बजे तक है, यानी कुल 2 घंटे 43 मिनट तक नाग देवता की पूजा का श्रेष्ठ समय माना गया है। इस समय श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है।

नाग पंचमी की महत्ता का उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। भविष्य पुराण के अनुसार, श्रावण शुक्ल पंचमी को नागलोक में उत्सव मनाया जाता है। इस दिन जो व्यक्ति नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है, उसे और उसके परिवार को नागों से कभी कोई कष्ट नहीं होता। वहीं महाभारत में भी एक प्रसंग आता है जब राजा जन्मेजय ने अपने पिता की मृत्यु के प्रतिशोध में सर्प यज्ञ किया था। उस यज्ञ में जब असंख्य नाग जलने लगे, तब आस्तिक मुनि ने आकर यज्ञ को रोका और नाग जाति की रक्षा की। यह घटना भी श्रावण शुक्ल पंचमी की ही है, जिससे इस दिन की धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।

नाग पंचमी पर पूजा की विधि भी अत्यंत सरल और प्रभावी है। इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। मिट्टी से नाग देवता की मूर्ति बनाकर या दीवार पर उनका चित्र बनाकर उसकी पूजा करें। पूजा में हल्दी, रोली, चावल, दूर्वा, पुष्प और दूध-घी-चीनी का मिश्रण अर्पित करें। फिर नाग पंचमी व्रत कथा का पाठ करें और दीप प्रज्वलित कर आरती करें। मान्यता है कि इस विधि से पूजा करने पर व्यक्ति को ग्रह दोषों से मुक्ति, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।

नाग पंचमी पर कुछ विशेष सावधानियां भी रखनी चाहिए। इस दिन जमीन की खुदाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से नागों को हानि पहुंच सकती है। यदि कहीं सांप दिखाई दे तो उसे मारने के बजाय प्रणाम करना चाहिए। लोहे के औजारों का प्रयोग इस दिन कम से कम करें और किसी भी प्रकार की हिंसा या क्रोध से बचें। यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि प्रकृति के हर जीव का जीवन में विशेष स्थान है और हमें उनके साथ सह-अस्तित्व में रहना चाहिए।

नाग पंचमी केवल धार्मिक या ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने, उसके संरक्षण की प्रेरणा और जीव-जंतुओं के प्रति दया और सम्मान का संदेश भी देता है। नाग देवता को पर्यावरण संतुलन का प्रतीक माना जाता है और उनकी पूजा के माध्यम से हम यह स्वीकार करते हैं कि जीवन में सभी प्राणियों का महत्व है।

नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को पड़ रहा है और यह दिन आपके लिए आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और ग्रह बाधाओं से मुक्ति पाने का एक दुर्लभ अवसर बन सकता है। यदि आप काल सर्प दोष या अन्य ग्रह दोषों से पीड़ित हैं, तो इस दिन नाग देवता की पूजा अवश्य करें। यह न केवल आपकी समस्याओं का समाधान ला सकता है, बल्कि आपको आत्मिक संतोष और पारिवारिक सुख भी प्रदान करेगा। क्या आप इस पर्व और इसकी मान्यताओं से सहमत हैं? क्या आपने कभी नाग पंचमी का व्रत किया है? नीचे कमेंट करें और इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर जरूर करें।

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