वरिष्ठता के उल्लंघन, कुटरचना और लापरवाही के आरोप प्रमाणित
अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश पर प्रदेशभर में शिक्षकों एवं शालाओं के युक्तियुक्तकरण के दौरान गंभीर अनियमितता बरतने के आरोप में मनेन्द्रगढ़ विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई सरगुजा संभाग के आयुक्त कार्यालय द्वारा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, मनेन्द्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर के पत्र एवं शिकायत के आधार पर की गई।
शिकायत में दर्ज विवरण अनुसार, श्री जायसवाल ने वरिष्ठता क्रम की अनदेखी, विषय निर्धारण में त्रुटि, और कुटरचित निर्णयों के जरिए शैक्षणिक प्रक्रिया में बाधा पहुँचाई। उनके द्वारा की गई अनियमितताओं के मुख्य बिंदु निम्नानुसार हैं:
- माध्यमिक शाला लेदरी में श्रीमती गुंजन शर्मा (वरिष्ठता क्रमांक 4393) को अतिशेष घोषित कर दिया गया, जबकि उनके बाद क्रमांक 4394 वाली श्रीमती बेबी धृतलहरे को बरकरार रखा गया।
- प्राथमिक शाला चिमटीमार में श्रीमती संध्या सिंह (कार्यभार ग्रहण दिनांक 12.02.2011) को अतिशेष घोषित किया गया, जबकि श्रीमती अर्णिमा जायसवाल (17.02.2011) को बनाए रखा गया — यह भी स्पष्ट नियमों का उल्लंघन है।
- माध्यमिक शाला साल्ही में पदस्थ श्री सूर्यकान्त जोशी का विषय गलत दर्शाया गया और विषय चक्र का पालन नहीं किया गया।
- इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ घोषित कर दिया गया, जो कुटरचना और प्रशासनिक मनमानी का सीधा प्रमाण है।
इन सभी अनियमितताओं को शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन मानते हुए, श्री जायसवाल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबन अवधि में श्री जायसवाल को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। साथ ही, इस अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, मनेन्द्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर नियत किया गया है।