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जशपुरनगर। शहर ने रविवार की सुबह ख्रीस्त राजा पर्व की आध्यात्मिक गरिमा और गहन श्रद्धा को अपनी आंखों से देखा और महसूस किया। वर्षभर की धार्मिक परंपराओं में विशेष स्थान रखने वाले इस पर्व पर संत इग्नासियुस चर्च शांति भवन में प्रातः मिस्सा पूजा आयोजित हुई, जिसमें बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल होकर प्रार्थना में सहभागी बने।
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इस अवसर पर करबला मैदान से सुबह 7 बजे भव्य शोभायात्रा आरंभ हुई। जैन स्कूल, बस स्टैंड, महाराजा चौक, हॉस्पिटल रोड, जेल रोड और कलेक्ट्रेट मार्ग से गुजरती हुई यह यात्रा शांति भवन गिरजाघर में जाकर सम्पन्न हुई। पूरे मार्ग में प्रार्थना, भजन और जयघोष की ध्वनियाँ गूंजती रहीं, जिससे शहर का वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिकता में रंग गया।

शोभायात्रा का नेतृत्व फादर फुलजेंस एक्का ने किया। श्रद्धालु हाथों में मोमबत्तियाँ और क्रूस लिए आगे बढ़ते रहे, वहीं स्वर्गदूतों की वेशभूषा में सजे बच्चों द्वारा की गई पुष्पवर्षा ने इस यात्रा को और अधिक मनभावन बना दिया। मार्ग में कई स्थानों पर नागरिकों ने जल, फूल और भक्ति गीतों के साथ यात्रा का स्वागत किया।
फादर फुलजेंस एक्का ने बताया कि ईसाई परंपरा में नवंबर का अंतिम रविवार ख्रीस्त राजा पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व उस आध्यात्मिक राज्य का प्रतीक है जिससे मानव हृदय में शांति, न्याय, प्रेम, सत्य, समानता और भाईचारे के मूल्यों का प्रसार होता है। इसी के साथ नए पूजन वर्ष का भी शुभारंभ माना जाता है।

शहर और ग्रामीण अंचलों से आए बड़ी संख्या में धर्मावलंबियों ने उत्साह के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया। काथलिक सभा कार्यकारिणी, महिला संघ और युवा संघ ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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समुदाय ने इस अवसर पर समाज में शांति, प्रेम, एकता और सद्भाव बनाए रखने का संकल्प लिया। साथ ही यह जानकारी दी कि 1 दिसंबर से आगमन काल की शुरुआत होगी, जिसके तहत विश्वासी घर–घर जाकर ईसा मसीह के आगमन का संदेश साझा करेंगे।

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