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Saturday, Mar 29, 2025
लेटेस्ट न्यूज़
गर्व : : फामेश्वरी यादव बनीं छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई
रायपुर, 25 मार्च 2025/गरियाबंद जिले की 21 वर्षीय फामेश्वरी यादव ने भारतीय सेना में अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस (WMP) के रूप में चयनित होकर छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह राज्य के लिए गर्व और बेटियों के आत्मबल का प्रतीक है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फामेश्वरी को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह केवल एक चयन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटियों की हिम्मत और देशभक्ति का प्रमाण है। फामेश्वरी ने यह दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सफलता राज्य की अन्य युवतियों को भी प्रेरणा देगी, और उन्हें सेना व अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने का हौसला देगी। राज्य सरकार बेटियों के सशक्तिकरण और राष्ट्र सेवा के हर कदम में उनके साथ है।मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह सफलता छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी और राज्य की बेटियाँ हर क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेंगी।उल्लेखनीय है कि 24 मार्च, 2025 को घोषित परिणाम में चयन के बाद फामेश्वरी 01 मई, 2025 से बेंगलुरु स्थित सेना मिलिट्री पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगी। उन्हें सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर द्वारा सम्मानित भी किया गया।
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पुण्यतिथि पर विशेष : : आदिवासी समाज की बुलंद आवाज़ बस्तर के जननायक बलिराम कश्यप की अमर विरासत
"जो बस्तर की माटी से जन्मा, वही माटी का मसीहा था,हर दिल में जो बसता था, वो बलिराम कश्यप था।आदिवासियों की ताक़त था, संघर्षों की पहचान था,सत्ता के खेल से दूर, बस जनता का भगवान था।"Cg now टीम छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक ऐसा नाम, जिसने आदिवासी समाज की आवाज़ को बुलंद किया और बस्तर की धरती पर विकास की नींव रखी—वह नाम है बलिराम कश्यप। भारतीय जनता पार्टी के इस कद्दावर नेता ने जनजातीय समाज के हक़ और हुक़ूक़ के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वे सिर्फ़ एक राजनेता नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा से जुड़े हुए जननायक थे, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है।संघर्ष से सशक्तिकरण तक का सफरबलिराम कश्यप का जन्म 1936 में हुआ था। वे 1972 से 1992 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस दौरान उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई अहम कदम उठाए।1977-78: मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री रहे।1978-80 और 1988-92: आदिवासी कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया।1998 में पहली बार लोकसभा सांसद बने, उसके बाद लगातार 1999, 2004 और 2009 में सांसद चुने गए।चार बार सांसद रहने के दौरान उन्होंने बस्तर क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कार्य किए।बस्तर में था जबरदस्त दबदबाबलिराम कश्यप को लेकर कहा जाता है कि बस्तर में उनका गहरा प्रभाव था। 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बस्तर में शानदार जीत में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।2003 में भाजपा को 12 में से 9 सीटें मिलीं।2008 में भाजपा ने 12 में से 11 सीटों पर विजय हासिल की।बलिराम कश्यप के निधन के बाद भाजपा बस्तर में पहले जैसा करिश्मा नहीं कर पाई।PM मोदी ने बताया 'बस्तर का गुरु'बलिराम कश्यप का प्रभाव सिर्फ़ बस्तर तक सीमित नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उन्हें 'बस्तर का गुरु' बताया।1998 में जब नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के भाजपा प्रभारी बने, तब वे बस्तर में बलिराम कश्यप के साथ संगठन का काम किया करते थे। पीएम मोदी ने कहा—"जब भी बस्तर की धरती पर आता हूं और बलिराम कश्यप जी की याद न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता।"राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहा परिवारबलिराम कश्यप के पुत्र केदार कश्यप छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे और उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।जनता के दिलों में अमर रहेंगे बलिराम कश्यप10 मार्च 2011 को इस महान नेता ने दुनिया को अलविदा कहा, लेकिन उनकी विचारधारा, संघर्ष और सेवा का जज़्बा आज भी बस्तर की मिट्टी में ज़िंदा है।वे सच में बस्तर के जननायक थे, जिन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया और आदिवासी समाज को एक सशक्त पहचान दिलाई।"सियासत के बाज़ार में बिकते नहीं थे, अलग ही उनकी शान थी,जो जंगल की गूंज सुनते थे, वही उनकी पहचान थी।विकास की मशाल जलाई, हर गाँव में रौशनी आई,बस्तर की धड़कन थे वो, जो आज भी ज़िंदा दिखाई।"
टेक्नोलॉजी
UPI ठप: : PhonePe, Paytm और Google Pay काम नहीं कर रहे, लाखों यूजर्स परेशान
"UPI Outage in India"भारत में डिजिटल पेमेंट की रीढ़ माने जाने वाले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में आज शाम से बड़ी समस्या आ रही है। देशभर में Google Pay, Paytm, PhonePe और अन्य बैंकिंग ऐप्स पर उपयोगकर्ताओं को लेन-देन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई यूजर्स ने शिकायत की है कि उनके पैसे अकाउंट से कट गए हैं, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। कुछ मामलों में राशि वापस आ गई, जबकि कुछ लोग अभी भी पेमेंट फेल होने की परेशानी झेल रहे हैं।शाम 7 बजे के बाद बढ़ी समस्याएँआउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट डाउन डिटेक्टर (DownDetector) के अनुसार, शाम 7 बजे के बाद यूपीआई सेवाओं में व्यवधान की शिकायतों में भारी वृद्धि हुई। लगभग 23,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें पेमेंट फेल, फंड ट्रांसफर न होने और लॉगिन से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं।सोशल मीडिया पर यूजर्स की नाराजगीयूपीआई सेवाओं में आई इस दिक्कत के कारण सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि उनका पैसा डेबिट हो गया लेकिन रिसीवर तक नहीं पहुँचा।Google Pay पर 72% शिकायतें पेमेंट फेल होने की हैं, जबकि Paytm पर यह आंकड़ा 86% तक पहुँच चुका है। बैंकिंग सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं, खासकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक सबसे ज्यादा परेशान दिखे।क्या है यूपीआई डाउन होने की वजह?यूपीआई सिस्टम को नियंत्रित करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या सर्वर से जुड़ी किसी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी के कारण हो सकती है।क्या करें अगर यूपीआई पेमेंट फेल हो जाए?यदि आपकी यूपीआई पेमेंट फेल हो गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ उपाय आजमा सकते हैं—1. पेंडिंग पेमेंट की स्टेटस चेक करें: अगर आपका पैसा कट गया है, तो बैंक स्टेटमेंट और यूपीआई ऐप में ट्रांजैक्शन स्टेटस देखें।2. बैंक कस्टमर केयर से संपर्क करें: अगर राशि वापस नहीं आई तो संबंधित बैंक से संपर्क करें।3. कुछ देर इंतजार करें: हो सकता है कि सर्वर समस्या हल हो जाए और आपकी पेमेंट ऑटोमैटिकली प्रोसेस हो जाए।4. वैकल्पिक पेमेंट मोड अपनाएँ: अगर यूपीआई काम नहीं कर रहा तो नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या कैश का उपयोग करें।जल्द ठीक हो सकती है समस्यातकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यूपीआई की सेवाएँ जल्द बहाल हो सकती हैं। NPCI इस मुद्दे को हल करने में जुटी है, ताकि यूपीआई पेमेंट दोबारा सुचारू रूप से काम करने लगे।डिजिटल इंडिया के इस दौर में यूपीआई आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी है, इसलिए ऐसी तकनीकी गड़बड़ियाँ बड़ी चिंता का विषय बन सकती हैं। उम्मीद है कि जल्द ही NPCI और बैंकिंग सेवाएँ इस परेशानी को हल कर देंगी।
विदेश
Surya Grahan 2025: : 29 मार्च 2025 को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें कहां और कितने बजे दिखेगा
नई दिल्ली। खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए 29 मार्च 2025 का दिन बेहद खास रहने वाला है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। भारतीय समयानुसार यह आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 2:21 बजे से लेकर शाम 6:14 बजे तक रहेगा। यह खगोलीय घटना दुनिया के कई हिस्सों में देखी जा सकेगी, हालांकि भारत में इसकी स्पष्टता को लेकर संशय है।क्या होता है सूर्य ग्रहण?सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से रोक देता है। इस दौरान चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है, जिससे कुछ समय के लिए दिन में अंधेरा छा जाता है।सूर्य ग्रहण के प्रकारवैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं:1. पूर्ण सूर्य ग्रहण – जब चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है, तब यह स्थिति बनती है। इस दौरान पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन में भी अंधेरा छा जाता है।2. वलयाकार सूर्य ग्रहण – जब चंद्रमा, सूर्य के आगे से गुजरता है लेकिन उसे पूरी तरह ढक नहीं पाता, तो सूर्य एक "रिंग ऑफ फायर" के रूप में नजर आता है।3. आंशिक सूर्य ग्रहण – जब चंद्रमा सूर्य का केवल एक हिस्सा ढकता है, तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस बार 29 मार्च को लगने वाला ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।भारत में सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा?यह ग्रहण दक्षिणी गोलार्ध के कई देशों में देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखेगा। भारत में इसे नग्न आंखों से देख पाना मुश्किल हो सकता है।क्या करें और क्या न करें?नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण न देखें – इससे आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है।सूर्य ग्रहण चश्मे या टेलीस्कोप का उपयोग करें – इससे ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कई लोग इस दौरान उपवास रखते हैं और मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।अगला सूर्य ग्रहण कब लगेगा?2025 में दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा, जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा।ग्रहण से जुड़ी वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए इसे देखना एक अनूठा अनुभव होगा।
व्यापर
1 अप्रैल 2025 से बदलने वाले नियम: : बैंकिंग, टैक्स और डिजिटल लेन-देन से जुड़े जानें आपके वित्तीय जीवन पर असर...
"Major Financial Rule Changes from April 1, 2025"1 अप्रैल 2025 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बैंकिंग, टैक्स और डिजिटल लेन-देन से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। ये परिवर्तन आपके दैनिक वित्तीय जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। आइए, इन प्रमुख बदलावों को विस्तार से समझते हैं।1. एटीएम से नकदी निकासी पर शुल्क में वृद्धियदि आप किसी अन्य बैंक के एटीएम से नकदी निकालते हैं, तो अब महीने में केवल तीन मुफ्त लेन-देन की अनुमति होगी। इसके बाद प्रत्येक लेन-देन पर ₹20 से ₹25 तक का शुल्क लगेगा। यह नियम बार-बार नकदी निकालने वाले ग्राहकों के लिए अतिरिक्त खर्च बढ़ा सकता है।2. बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकताबैंकों ने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा को बढ़ा दिया है। यदि आपके खाते में आवश्यक न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो बैंक आपसे जुर्माना वसूल सकता है। यह सीमा शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के आधार पर भिन्न हो सकती है।3. पॉजिटिव पे सिस्टम का अनिवार्य लागू होना₹50,000 से अधिक के चेक जारी करने पर अब ग्राहकों को पहले बैंक को इसकी सूचना देनी होगी। यह 'पॉजिटिव पे सिस्टम' चेक धोखाधड़ी को रोकने के लिए लागू किया गया है।4. डिजिटल बैंकिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोगबैंकों में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का अधिक उपयोग किया जाएगा। यह कदम डिजिटल बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाएगा।5. क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स में कटौतीSBI और IDFC First Bank सहित कई बैंकों ने क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स और अन्य लाभों में कटौती की घोषणा की है। इससे ग्राहकों को मिलने वाले माइलस्टोन बेनिफिट्स और मुफ्त वाउचर्स में कमी आ सकती है।6. निष्क्रिय यूपीआई खातों का बंद होनायदि आपका यूपीआई खाता लंबे समय से निष्क्रिय है, तो बैंक उसे बंद कर सकता है। इसलिए, यूपीआई सेवाओं का नियमित रूप से उपयोग करना आवश्यक है ताकि आपका खाता सक्रिय बना रहे।7. एजुकेशन लोन पर टीडीएस में राहतअब विशेष वित्तीय संस्थानों से लिए गए शिक्षा ऋण पर 0.5% टीसीएस कटौती को हटा दिया गया है। यह बदलाव शिक्षा ऋण लेने वाले छात्रों और उनके परिवारों के लिए राहत प्रदान करेगा।8. डिविडेंड और म्यूचुअल फंड्स पर टीडीएस सीमा में वृद्धिडिविडेंड से होने वाली आय पर टीडीएस की सीमा को ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है। इससे निवेशकों को डिविडेंड आय पर कम टीडीएस कटौती का लाभ मिलेगा।9. एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संभावित बदलावहर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाती है। इसलिए, 1 अप्रैल 2025 को गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव संभव है, जो आपके घरेलू बजट को प्रभावित कर सकता है।10. नया कर (टैक्स) स्लैब लागू होगासरकार ने नए टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की है, जिससे कुछ आय वर्गों के लिए कर की दरों में वृद्धि या छूट दी जा सकती है। इसके प्रभाव से आपके टैक्स भुगतान पर सीधा असर पड़ेगा।इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने वित्तीय योजनाओं की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें ताकि इन नए नियमों का प्रभाव आपके वित्तीय स्वास्थ्य पर न्यूनतम हो।
खेल
IPL 2025 : पहला मैच कोलकाता में KKR और RCB के बीच, कौन-कब-कहां खेलेगा? यहां देखें पूरी लिस्ट
आईपीएल 2025 (IPL 2025) के 18वें सीजन के शुरू होने में अब 24 घंटे का समय रह गया है. कल शनिवार, 22 मार्च से आईपीएल 2025 का आगाज होगा. इस सीजन का पहला मैच डिफेंडिंग चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जाएगा. आईपीएल 2025 की शुरुआत 22 मार्च से होगी, वहीं फाइनल मुकाबला 25 मई को खेला जाएगा.IPL 2025: कहां होंगे मैच?आईपीएल 2025 में कुल 74 मैच खेले जाएंगे. इसमें लीग स्टेज में 70 मैच होंगे. सभी 10 टीमें लीग स्टेज में 14-14 मैच खेलेंगी. आईपीएल 2025 के मैच लखनऊ, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, विशाखापट्टनम, गुवाहाटी, बेंगलुरु, न्यू चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता और धर्मशाला होंगेपहला मुकाबला KKR बनाम RCB के बीचटूर्नामेंट की शुरुआत डिफेंडिंग चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच होगी. यह मुकाबला 22 मार्च को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जाएगा.
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