नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025।
भारत के चुनाव आयोग ने देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। यह अभियान सबसे पहले उन राज्यों में शुरू होगा जहाँ अगले वर्ष विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
क्या है एसआईआर
एसआईआर यानी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन बनाया जाता है। इस दौरान मृत मतदाताओं, दोहरी प्रविष्टियों, गलत नामों तथा पुरानी जानकारियों को हटाकर सही और जीवित मतदाताओं की जानकारी सुनिश्चित की जाती है। चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
किन राज्यों से होगी शुरुआत
चुनाव आयोग ने बताया है कि पहले चरण में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। इन राज्यों में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव निर्धारित हैं, इसलिए इन्हें प्राथमिकता में रखा गया है। इसके अलावा कुछ अन्य राज्यों को भी पहले चरण में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।गौरतलब है कि बिहार में यह प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है, जहाँ हाल ही में 7 करोड़ 42 लाख मतदाताओं की अंतिम सूची प्रकाशित की गई है।
प्रक्रिया और तैयारियाँ
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आगामी 10 से 15 दिनों के भीतर अपनी तैयारियाँ पूरी कर लें ताकि एसआईआर प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन राज्यों में निकाय या स्थानीय चुनाव चल रहे हैं, वहाँ फिलहाल एसआईआर नहीं किया जाएगा ताकि चुनावी कार्यों में कोई व्यवधान न उत्पन्न हो।निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि एसआईआर पूरा होने के बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन तय समयसीमा में किया जाए ताकि अगला चुनाव समय पर और पारदर्शी ढंग से संपन्न हो सके।
आयोग का उद्देश्य और संभावित लाभ
चुनाव आयोग का उद्देश्य मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ाना और उसमें मौजूद विसंगतियों को समाप्त करना है। आयोग का मानना है कि एसआईआर से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, फर्जी मतदान की संभावनाएँ घटेंगी और मतदाता पहचान से जुड़े विवादों में कमी आएगी।इसके साथ ही यह राज्यों को समय रहते चुनाव की तैयारी करने में मदद करेगा और लोकतंत्र की बुनियादी प्रक्रिया — निष्पक्ष मतदान — को और सशक्त बनाएगा।

