नई दिल्ली, 11 अक्टूबर 2025
भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 से देशभर के स्कूलों में तीसरी कक्षा से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को पढ़ाई का हिस्सा बनाया जाएगा। यह कदम छात्रों और शिक्षकों दोनों को डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
सभी कक्षाओं में होगा AI का एकीकरण
स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने जानकारी दी कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा-वार AI एकीकरण के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है। इसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को धीरे-धीरे सभी ग्रेड्स में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें तेजी से काम करना होगा ताकि अगले दो से तीन वर्षों में छात्र और शिक्षक इस तकनीक के साथ पूरी तरह से समन्वित हो सकें।”
सबसे बड़ी चुनौती: शिक्षकों का प्रशिक्षण
देशभर में एक करोड़ से अधिक शिक्षकों को AI आधारित शिक्षा देने के लिए तैयार करना एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है, जिसके अंतर्गत शिक्षकों को AI टूल्स की मदद से लेसन प्लान तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संजय कुमार ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को नहीं, बल्कि शिक्षकों को भी डिजिटल भविष्य के लिए तैयार करना है।”
पहले से चल रही है AI की पढ़ाई
फिलहाल देश के 18,000 से अधिक CBSE स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक AI को एक स्किल सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाया जा रहा है।
- कक्षा 6 से 8 तक: 15 घंटे के मॉड्यूल के रूप में।
- कक्षा 9 से 12 तक: वैकल्पिक विषय के रूप में।
नीति आयोग की रिपोर्ट: 80 लाख नई नौकरियों की संभावना
यह घोषणा नीति आयोग की नई रिपोर्ट ‘AI और रोजगार’ के जारी होने के मौके पर की गई, जिसमें आगाह किया गया है कि आने वाले वर्षों में 20 लाख पारंपरिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि सही इकोसिस्टम तैयार किया जाए, तो 80 लाख नई नौकरियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
मजबूत होगा भारत का AI मिशन
रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि भारत AI प्रतिभा मिशन को भारत AI मिशन के साथ मिलाकर एक मजबूत सहयोगी ढांचा तैयार किया जाए, जिससे शिक्षाविदों, सरकार और उद्योग के बीच साझेदारी मजबूत हो सके। इससे देश में कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे नए शोधकर्ता और नवाचारक तैयार किए जा सकेंगे।
भारत में तीसरी कक्षा से AI की पढ़ाई शुरू करने की योजना न केवल शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह देश को वैश्विक AI लीडरशिप की ओर भी अग्रसर करेगा। यह पहल छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करेगी और शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाएगी।

