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रायपुर/जशपुर, 13 नवंबर 2025 —
छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (SCERT) के अतिरिक्त संचालक जे.पी. रथ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन राज्य में अत्यंत प्रभावी और संतुलित ढंग से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के विशेष निर्देश पर अब सरगुजा संभाग के विद्यालयों में स्थानीय और आदिवासी भाषाओं — कुडूख, सादरी, सरगुजिहा, छत्तीसगढ़ी और ओड़िया — में भी प्राथमिक स्तर पर पढ़ाई-लिखाई शुरू की जाएगी।
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इस पहल के तहत सभी जिलों में त्रिस्तरीय विशेष प्रशिक्षण एवं द्वैभाषिक पुस्तकों की तैयारी की जा रही है, ताकि बच्चे प्रारंभ से ही अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त कर सकें। रथ ने कहा कि यह कदम विद्यार्थियों को स्थानीय संस्कृति, परंपरा, ज्ञान, विज्ञान, कौशल, धर्म, अध्यात्म, इतिहास, कला और जीवन दर्शन से गहराई से जोड़ने में मदद करेगा।
रथ ने बताया कि SCERT के माध्यम से राज्य में अनेक रचनात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों में जिज्ञासा, खोज की भावना और जीवन कौशल का विकास करना है। हाल ही में आयोजित राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी और बाल विज्ञान मेला इसका उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ विद्यार्थियों ने अपने नवाचारों के माध्यम से यह साबित किया कि शिक्षा अब किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि जीवन से जुड़ चुकी है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान नाटिका, शैक्षिक मॉडल निर्माण, नवाचार आधारित प्रतियोगिताएं और फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी (FLN) कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में ठोस सुधार हुआ है। साथ ही शिक्षकों के लिए नियमित क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि वे नई शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकें।
अतिरिक्त संचालक रथ ने बताया कि परिषद अब डिजिटल शिक्षण सामग्री और स्थानीय भाषाओं में पाठ्य सामग्री निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके साथ ही नवाचार-आधारित शिक्षण पद्धतियाँ ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों के विद्यालयों को मुख्यधारा की गुणवत्ता शिक्षा से जोड़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि SCERT द्वारा तैयार की गई राज्य शिक्षा गुणवत्ता रूपरेखा (State Quality Framework) से विद्यालयों में अब परिणामोन्मुख कार्यप्रणाली विकसित हुई है। इस ढांचे ने शिक्षण, मूल्यांकन और सीखने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों को सुदृढ़ किया है।
रथ ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने यह साबित किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद दूरदर्शी नीति और समर्पित टीमवर्क से शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाया जा सकता है।
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उनके अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक दस्तावेज नहीं बल्कि भारत के भावी नागरिक निर्माण की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है — और इस परिवर्तन यात्रा में छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

