वॉशिंगटन/तेहरान/तेल अवीव।
ईरान और इजरायल के बीच बीते 12 दिनों से जारी भीषण संघर्ष को थामने की कोशिशों के तहत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा की है। हालांकि, इस घोषणा पर अब तक ईरान और इजरायल की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में इसे एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने सोमवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और सीजफायर के मसौदे पर सहमति बनी। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने भी इस बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह पहल तनाव को खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम है।
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ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “अगर सब कुछ अपेक्षित रूप से आगे बढ़ता है, तो मैं दोनों देशों को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने साहस दिखाया और इस 12 दिन पुराने संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़े।”यह घोषणा ऐसे वक्त पर आई है जब अमेरिका ने हाल ही में ईरान के एक परमाणु ठिकाने पर हमला किया था। इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और गहरा गया था। जानकारों के मुताबिक, ट्रंप की यह घोषणा न केवल संघर्ष विराम की पहल है, बल्कि अमेरिका की कूटनीतिक सक्रियता को भी दर्शाती है।
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हालांकि, फिलहाल इस युद्धविराम पर कोई औपचारिक समझौता सामने नहीं आया है। दोनों देशों की सरकारों से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। क्षेत्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह युद्धविराम लागू होता है, तो यह पश्चिम एशिया के लिए एक बड़ी राहत होगी।संघर्ष के दौरान दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। रॉकेट हमले, मिसाइल जवाबी कार्रवाई और हवाई हमलों के बीच आम नागरिकों की जान-माल को भी भारी क्षति पहुंची है। ऐसे में इस सीजफायर की कोशिश को वैश्विक समुदाय उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है।
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