हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में सावन मास की शुरुआत 10 जुलाई (गुरुवार) से हो रही है, और यह 8 अगस्त (शुक्रवार) को समाप्त होगा। सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इस दौरान शिवभक्त विशेष पूजा-पाठ, व्रत, अभिषेक और अनुष्ठान करते हैं।
सावन सोमवार व्रत की तिथियां – 2025
सावन मास में कुल चार सोमवार आएंगे, जो इस प्रकार हैं:
- 14 जुलाई 2025 – पहला सावन सोमवार
- 21 जुलाई 2025 – दूसरा सावन सोमवार
- 28 जुलाई 2025 – तीसरा सावन सोमवार
- 4 अगस्त 2025 – चौथा सावन सोमवार
सावन सोमवार का व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और पारिवारिक सुख-शांति के लिए करती हैं।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
- सावन मास को देवों के देव महादेव का अत्यंत प्रिय मास माना गया है।
- इस मास में बेलपत्र, गंगाजल, धतूरा, भस्म, दूध और पंचामृत से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है।
- माना जाता है कि इस मास में सच्चे मन से शिव की आराधना करने से समस्त कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।सावन और प्रकृति
सावन का महीना केवल धार्मिक नहीं बल्कि प्राकृतिक दृष्टि से भी अत्यंत सुंदर और महत्वपूर्ण है। वर्षा ऋतु में हरियाली अपने चरम पर होती है, जो शुद्धता, ताजगी और उर्वरता का प्रतीक है। यह माह “प्रकृति और भक्ति का संगम” कहलाता है।
मुख्य आयोजन और पर्व
- कांवड़ यात्रा – शिवभक्त गंगा जल लेकर शिवालयों में जल अर्पित करते हैं।
- हरियाली तीज – विवाहित महिलाओं का पर्व जो सौभाग्य और प्रेम के लिए मनाया जाता है।
- नागपंचमी – सर्पों की पूजा कर शिव से रक्षा की कामना की जाती है।
- रक्षाबंधन – भाई-बहन के प्रेम का पर्व भी इसी मास में आता है।
व्रत और पूजन की सरल विधि
- सुबह स्नान कर शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही और घी अर्पित करें।
- बेलपत्र, आक, धतूरा, भस्म चढ़ाएं।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- व्रत कथा सुनें और फलाहार करें।
- संध्या के समय शिव चालीसा और आरती करें।
सावन का संकल्प
सावन मास आत्मशुद्धि, संयम, तपस्या और प्रभु से जुड़ने का श्रेष्ठ समय है। शिव की आराधना मन, वचन और कर्म को शुद्ध बनाती है। यह माह केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक आत्मिक जागरण का पर्व है।