छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून समय से पहले ही सक्रिय हो गया। सामान्यतः जुलाई के पहले हफ्ते में जोर पकड़ने वाला मानसून इस बार करीब 15 दिन पहले ही प्रदेश में दस्तक दे चुका है। 18 जून से राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया और बीते 15 दिनों में 75 प्रतिशत हिस्सों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे मौसम में ठंडक घुल गई है। लेकिन इसी के साथ नदी-नाले भी उफान पर आ गए हैं और जनजीवन पर इसका असर दिखने लगा है।
लगातार हो रही बारिश के चलते मौसम विभाग ने प्रदेशभर के लिए भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। कुल 33 जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है, जिनमें से 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और सरगुजा शामिल हैं। इन इलाकों में तेज गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिनमें सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदाबाजार, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। येलो अलर्ट का अर्थ है कि इन जिलों में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि वहां भी बिजली गिरने, गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
प्रशासन ने सभी जिलों को सतर्क कर दिया है और आपदा प्रबंधन दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। आमजन से अपील की गई है कि खराब मौसम के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और निचले इलाकों व तेज बहाव वाले जल स्रोतों से दूरी बनाए रखें।
छत्तीसगढ़ में मानसून की यह रफ्तार जहां किसानों के लिए संजीवनी बनी है, वहीं लगातार तेज बारिश के चलते आमजन को सतर्क रहने की जरूरत भी बढ़ गई है।