रायपुर/25 जुलाई 2025। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत के सोशल मीडिया पर गाना गाकर अपनी ही सरकार से विकास मांगने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रीढ़ विहीन भाजपाइयों के लिए रवि ने प्रतिमान स्थापित किया है, सुशासन के तमाम दावों की पोल खुल चुकी है। गाने में एक छत्तीसगढ़िया और आम आदिवासी युवा की पीड़ा स्पष्ट तौर पर प्रदर्शित है। पूरे प्रदेश में डीएमएफ फंड की बंदरबाट हो रही है, खनन और उद्योग प्रभावित क्षेत्र के लोगों का हक मार कर कमीशन खोरी के लालच में डीएमएफ और सीएसआर फंड की राशि फूंकी जा रही है। पांचवी अनुसूची के क्षेत्र सरगुजा और बस्तर में ग्राम सभा के अधिकारों को बाईपास करके खनिज संसाधन मोदी के पूंजीपति मित्रों को लुटाया जा रहा है, रिमोट से सरकार संचालित है, सरकार आखिर चला कौन रहा है, इस बात से भाजपा के नेता भी अनभिज्ञ है। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तक की हालत यह है की शिकायत और मांग कहां रखनी है, वे समझ नहीं पा रहे हैं, कहीं किसी की कोई सुनवाई नहीं है, इसलिए कॉरपोरेट लूट से आहत भाजपाई सोशल मीडिया पर आकर कलपने मजबूर हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बृजमोहन अग्रवाल जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता को पिछले 6 महीने के दौरान 7 पत्र प्रदेश सरकार को लिखना पड़ा, लेकिन किसी मामले में अब तक उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई। भाजपा के जनाधार वाले नेता ही इस सरकार की उपेक्षा से व्यथित हैं। मोदी की गारंटी के नाम पर छत्तीसगढ़ में भाजपा ने हर वर्ग के साथ धोखा किया है। किसान, युवा, मजदूर, कर्मचारी-अधिकारी और महिलाएं नाराज हैं ही, इसके साथ ही भाजपा के कार्यकर्ता भी खुश नहीं है। पहले भी भाजयुमों के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने लैलूंगा और धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि क्या लैलूंगा और धरमजयगढ़ विधानसभा की जनता खराब सड़कों के कारण रोड एक्सीडेंट से बे मौत मरे? क्या यही चाहती है कि प्रदेश की जनता धूल खायें? जमीन देकर बेघर हो जाए? डीएमएफ और सीएसआर के नियम चूल्हे में जाए? इन मदों का सारा पैसा ओपी केवल रायगढ़ में खर्च करें?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने भी कहा है कि भाजपा सरकार में न उनके कार्यकर्ता और नेता ना खुश हैं, ना छत्तीसगढ़ में सरकार नाम की कोई चीज काम कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सहित तमाम जनहित के विषय गौड हो गए है, सरकारी स्कूल हजारों की संख्या में बंद कर दिए गये है, तमाम कर्मचारी संघ आंदोलन पर है, सड़कों के गड्ढे भरने की स्थिति में यह सरकार नहीं है, किसान खाद, बीज संकट से परेशान है और यह सरकार केवल छत्तीसगढ़ के संसाधनों को लूटने जंगलों की कटाई करने में व्यस्त है। डेढ़ साल के भीतर ही यह सरकार अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच बेहद अलोकप्रिय हो चुकी है।