नई दिल्ली। सूर्य ग्रहण को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं के बीच खगोल वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि अगस्त 2025 में कोई भी सूर्य ग्रहण नहीं लगेगा। आम लोगों में यह भ्रम इसलिए फैला कि 2 अगस्त 2025 की जगह 2 अगस्त 2027 को लगने वाले ऐतिहासिक पूर्ण सूर्य ग्रहण की खबरें वायरल हो रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की पुष्टि के अनुसार, 2 अगस्त 2027 को 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा, जिसकी अवधि 6 मिनट 23 सेकंड की होगी।
2027 का सूर्य ग्रहण: इतिहास में दर्ज होगा खास दिन
सदी का यह ऐतिहासिक ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दोपहर के समय लगेगा। इस दौरान दिन में ही अंधेरा छा जाएगा। यह सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होकर स्पेन, उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप होते हुए हिंद महासागर की ओर बढ़ेगा। इसकी पूर्णता की पट्टी करीब 275 किलोमीटर चौड़ी होगी, जिसे “महान उत्तरी अफ्रीकी ग्रहण” (Great North African Eclipse) भी कहा जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 743 ईसा पूर्व में 7 मिनट 28 सेकंड तक चलने वाला सूर्य ग्रहण अब तक का सबसे लंबा माना जाता है, लेकिन 2027 में लगने वाला ग्रहण पिछले कई सौ वर्षों के बाद सबसे लंबी अवधि वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इस जैसी खगोलीय घटना अब 2114 में देखने को मिलेगी।
2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण: भारत में नहीं दिखेगा
हालांकि 2025 में दो सूर्य ग्रहण होंगे, लेकिन इनमें से कोई भी भारत में दिखाई नहीं देगा।
- दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात 11:00 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3:24 मिनट तक चलेगा।
- यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसकी कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की होगी।
- यह ग्रहण मुख्य रूप से न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्से में दिखाई देगा।
अगर आप सोच रहे थे कि 2 अगस्त 2025 को सूर्य ग्रहण लगेगा, तो यह भ्रम है। असली ऐतिहासिक सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को लगेगा, जो इस सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।
खगोल विज्ञान और वैज्ञानिक शोधों में रुचि रखने वालों के लिए यह एक अत्यंत दुर्लभ और अविस्मरणीय क्षण होगा।
क्या आप 2027 का सूर्य ग्रहण लाइव देखना चाहते हैं?
इस विशेष खगोलीय घटना को देखने के लिए उत्तरी अफ्रीका या मध्य-पूर्व की यात्रा योजना बनाना एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें – सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है। सुरक्षित सोलर ग्लास का उपयोग अनिवार्य है।
खगोल प्रेमियों के लिए यह एक सदी में एक बार आने वाला अवसर है – 2 अगस्त 2027 को अपने कैलेंडर में ज़रूर मार्क करें।