प्रयास जशपुर की छात्राओं ने सीएम विष्णुदेव साय और प्रशासन को हकीकत से कराया रूबरू, पूर्व संसदीय सचिव ने छात्राओं की हिम्मत की दाद दी
कुनकुरी
पूर्व संसदीय सचिव यू. डी. मिंज ने प्रयास आवासीय विद्यालय
डोड़काचौरा जशपुर मे बुधवार सुबह
छात्राओं छात्राओं के द्वारा उठाई आवाज़ को जायज बताया है और प्रशासन के अधिकारियों और सहायक आयुक्त की लापरवाही पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनपर कारवाई करने की माँग की है.
उन्होंने कहा कि बुधवार बुधवार सुबह प्रयास आवासीय विद्यालय
डोड़काचौरा जशपुर की जागरूक छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय में धरना देकर जिला प्रशासन और ट्राइबल विभाग को नींद से जगाने का काम किया, छात्राओं की जागरूक ता के लिए उन्हें साधुवाद देता हूँ, जिन्होने हवा हवाई प्रशासन
को जमीन पर लाने का काम किया है
उन्होंने कहा कि प्रयास की होनहार छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी है, पढ़ाई ठप पड़ी है, भोजन व्यवस्था बदहाल है और कंप्यूटर महीनों से खराब पड़े हैं। उनकी बार-बार की शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। सहायक आयुक्त संजय सिंह और जिला प्रशासन ने इन छात्राओं की आवाज़ दबाने का काम किया है जो की शर्म की बात है उन्होंने उनको आश्वासन देकर उन्हें पुलिस का उपयोग करके स्कूल लौटायाजो कि दुर्भाग्यजनक है. यह मुख्यमंत्री के गृह जिला मे हो रहा है ये और शर्मिंदगी की बात है कि उनके निक्कमे अधिकारी उनके गृह जिले के एक संस्था मे ना तो ढंग का भोजन उपलब्ध करा पा रहे, ना उनको सुरक्षा दे पा रहे ना ही शिक्षा के लिए योग्यता धारी शिक्षक दे पा रहे जो की मुख्यमंत्री की नाकामी को सिद्द कर रहा है.
इस घटना पर कांग्रेस के पूर्व विधायक यू.डी. मिंज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह उनकी नाकामी का सबसे बड़ा सबूत है। “मुख्यमंत्री का अपना गृह जिला शिक्षा के क्षेत्र में बर्बादी की कगार पर है और मुख्यमंत्री के साथ-साथ जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। बच्चों ने ही सवाल उठाया है कि ना तो कलेक्टर उनसे मिलने आये ना, कोई प्रभारी अधिकारी, ना ही कोई OIC आया, ना ही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही मिलने कभी आय, छात्राओं ने कलेक्टर से मिलने की गुहार भी लगाई पर उन्हें डरा धमका कर कभी कलेक्ट्रेट जाने दिया गया
जिसके कारण बच्चों मे कल आक्रोश उत्पन्न हुआ और सारे बंधन को तोड़ कर दौड़ते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुँचे जिन्हे सहायक आयुक्त और प्रशासन के अधिकारियो ने बलपूर्वक सड़क पर रोकने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे
उन्होंने कहा किजिन बच्चों के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं, उन्हीं का भविष्य प्रशासन अपनी लापरवाही से बर्बाद कर रहा है।”मुख्य्मंत्री स्वयं संजय बने हुए है.
यू डी मिंज ने कहा कि जिन ठेकेदारों को प्रयास विद्यालय का टेंडर दिया गया है, वे योग्य शिक्षकों की नियुक्ति तक नहीं कर पा रहे। बिना बीटी आई बीएड धारीशिक्षकों से पढ़वा रहे जिससे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. मुख्यमंत्री के जिले के प्रयास का ये हाल है तो अन्य प्रयास विद्यालयों का क्या हाल होगा खुद ही समझा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री “ऐसे निकम्मे ठेकेदारों का टेंडर तुरंत रद्द कर देना चाहिए। लेकिन प्रशासन उन्हें बचाने में लगा है, क्योंकि कमीशनखोरी की मोटी रकम की मलाई सभी तक पहुंच रही है।”
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि जशपुर में ट्राइबल विभाग पूरी तरह से भ्रष्टाचार और दलाली का गढ़ बन चुका है। “यहां के अधिकारी बच्चों के भविष्य की जगह अपनी जेबें भरने और आकाओं की गुलामी में लगे हुए हैं। इन्हें बच्चों की पढ़ाई और उनकी तकलीफों से कोई मतलब नहीं, इनकी चिंता केवल कमीशन के खेल तक सीमित है।”
उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले में अनदेखी करने वाले कलेक्टर, OIC ट्राइबल, प्रभारी सहायक आयुक्त, ठेकेदार सहित सभी जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अब जवाब देना होगा कि क्यों उनके ही जिले के आदिवासी बच्चों के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। अगर मुख्यमंत्री में जरा भी संवेदनशीलता है तो वे तुरंत इस भ्रष्ट सिस्टम पर प्रहार करें, वरना आने वाले समय में जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।”