रायपुर।
छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब शराब पीकर स्कूल आने वाले शिक्षकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि जो भी शिक्षक शराब के नशे में बच्चों को पढ़ाने स्कूल पहुंचते हैं, उन्हें सीधे बर्खास्त कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
दरअसल, राज्य के विभिन्न जिलों से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ शिक्षक शराब के नशे में कक्षाओं में पहुंच जाते हैं। सरकार का मानना है कि इस तरह का व्यवहार न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को गिराता है बल्कि बच्चों के भविष्य पर भी नकारात्मक असर डालता है।
शिक्षा विभाग ने इस आदेश को लागू करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्हें स्कूलों का औचक निरीक्षण करने और नशे में पाए जाने वाले शिक्षकों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
सरकार का यह निर्णय स्पष्ट संदेश देता है कि शिक्षा व्यवस्था से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। अब देखना होगा कि इस सख्ती का असर शिक्षकों के व्यवहार पर किस तरह पड़ता है और क्या यह कदम शिक्षा के स्तर को सुधारने में कारगर साबित होता है।