जशपुरनगर, 14 सितम्बर।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज कैंप कार्यालय से जशपुर जिले में सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पांच ग्रामों में होम स्टे की शुरुआत की। इस अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम स्टे नीति जिले के लिए रोजगार का नया द्वार खोलेगी। इससे न केवल पर्यटन को नई पहचान मिलेगी, बल्कि यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, आदिवासी परंपराओं, खान-पान और जीवनशैली को जानने-समझने का अवसर भी देश-विदेश के पर्यटकों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि देओबोरा, केरे, दनगरी, छिछली और घोघरा ग्रामों में होम स्टे की शुरुआत की गई है। इन गांवों के पर्यटन मित्रों को इको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रशिक्षण पूरा करने उपरांत मुख्यमंत्री ने प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन क्षेत्र को उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए कृतसंकल्पित है। इससे स्थानीय उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को बेहतर रोजगार अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति और उनकी सादगी पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करती रही है। जशपुर की सघन वादियां, जलप्रपात और प्राकृतिक सौंदर्य होम स्टे के माध्यम से पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव देंगे।
कार्यक्रम में विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने कहा कि जशपुर का मकरभंजा जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जलप्रपात है और यह जिले की पहचान है। इसी प्रकार अनेक झरने और दर्शनीय स्थल पर्यटन को नई ऊंचाई देंगे। विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि जशपुर प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और यहां आने वाला हर पर्यटक जीवन भर इस स्थान की यादों को संजोए रखता है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, डिप्टी कलेक्टर श्री समीर बड़ा सहित जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।