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रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गर्म होने वाली है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट तीन दिवसीय दौरे पर राज्य आ रहे हैं। 16 से 18 सितंबर तक वे लगातार आठ जिलों में कांग्रेस के ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान में हिस्सा लेंगे और कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो यह दौरा सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि संगठन को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने और हाल ही में पार्टी के भीतर चली खींचतान को सुलझाने की कोशिश भी है।
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दौरे की शुरुआत रायगढ़ से
सचिन पायलट 16 सितंबर को झारसुगुड़ा एयरपोर्ट से रायगढ़ पहुंचेंगे। शाम 4 बजे के आसपास उनका आगमन तय है। रायगढ़ में वे पदयात्रा और हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लेंगे।
इसके बाद कोरबा रवाना होंगे और रात 7.30 बजे वहां जनसभा और रैली में शामिल होंगे।
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रैली से लेकर पदयात्रा तक, फुल एक्शन में रहेंगे पायलट
17 सितंबर की सुबह वे कोरबा से रतनपुर पहुंचेंगे, फिर तखतपुर, मुंगेली, बेमेतरा होते हुए राजनांदगांव तक का सफर तय करेंगे। हर जगह रैलियों, पदयात्राओं और कार्यकर्ता संवाद का सिलसिला जारी रहेगा।
फिर 18 सितंबर को वे राजनांदगांव से दुर्ग और भिलाई पहुंचेंगे, जहां कांग्रेस का ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचेगा।
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कार्यकर्ताओं से सीधी बात
इस दौरे के दौरान सचिन पायलट केवल मंच से भाषण नहीं देंगे, बल्कि जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से भी चर्चा करेंगे। पार्टी के भीतर जो असंतोष और मतभेद सामने आए हैं, उन पर भी नजर रहेगी।
बताया जा रहा है कि वे ब्लॉक कमेटियों की स्थिति, संगठन की मजबूती और जमीनी कार्य की रिपोर्ट खुद लेंगे।
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क्यों खास है यह दौरा
बीते कुछ महीनों में कांग्रेस के भीतर उठी अंदरूनी कलह और नेतृत्व को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के बीच पायलट का यह दौरा कांग्रेस के लिए एक संदेश है — कि नेतृत्व सक्रिय है, और संगठन को मजबूत करने की दिशा में गंभीर भी।
‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ जैसे नारों के जरिए पार्टी बीजेपी सरकार पर सीधे निशाना साध रही है, और सचिन पायलट उसी लड़ाई को मैदान में आगे बढ़ाने आ रहे हैं।