देश

पुरानी पेंशन की मांग के लिए कर्मचारी संगठन का 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा

आकाशीय बिजली से बचाव के लिए सरकार ने जारी की एडवायजरी

केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस में सुधार कर लाई गई ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (यूपीएस) लागू करने की घोषणा से सरकारी कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। अभी तक यूपीएस का गजट भी नहीं आया है। फिलहाल केंद्र सरकार ने यूपीएस की जो खूबियां गिनाई हैं, वे कर्मचारियों को रास नहीं आ रही हैं। पुरानी पेंशन व्यवस्था में यदि कोई कर्मचारी, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है, तो उसकी पेंशन, सेवानिवृत्ति की तिथि से ही शुरू कर दी जाती थी, लेकिन अब यूपीएस में उसे 60 वर्ष के बाद पेंशन देने की बात कही गई है। मतलब कोई कर्मचारी 45 साल में वीआरएस लेता है, तो उसे 15 साल तक पेंशन मिलने का इंतजार करना होगा।

‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने बताया, 30 सितंबर तक अगर यूपीएस का गजट नहीं आता है, तो नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर यूपीएस-एनपीएस के विरोध में महा-आंदोलन होगा। दूसरी तरफ, पुरानी पेंशन की मांग के लिए लंबे समय से आंदोलन करने वाले कर्मचारी संगठन ‘एनएमओपीएस’ ने भी 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

Ranchi One Way (1)
Raipur 10- (2)
previous arrow
next arrow

बता दें कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठन, अपने अपने तरीके से विरोध जता रहे हैं। कई कर्मचारी संगठन ऐसे भी हैं, जो यूपीएस का नोटिफिकेशन आने का इंतजार कर रहे हैं। नोटिफिकेशन में अगर कर्मचारियों के हितों की बात नहीं हुई तो दोबारा से ओपीएस की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। मंजीत पटेल के मुताबिक, इस संबंध में केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है। 30 सितंबर तक अगर यूपीएस का गजट नोटिफिकेशन नहीं आया तो बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

इस आंदोलन में ओपीएस के अलावा आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग भी शामिल की जाएगी। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कर्मचारियों से ओपीएस बहाली के लिए और एनपीएस/यूपीएस के विरोध में दो सितंबर से छह सितंबर तक काली पट्टी बांधकर काम करने का आह्वान किया था। अब उन्होंने 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है।

केंद्र एवं राज्यों के कई बड़े कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस को ‘छलावा’ करार दिया है। यूपीएस बनाम ओपीएस के इस दंगल में, सरकार के पक्ष में कम तो उसके खिलाफ ज्यादा कर्मचारी संगठन हैं। पीएम की बैठक में शामिल ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स’ के अध्यक्ष रूपक सरकार कह चुके हैं कि ओपीएस का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है। अभी हम यूपीएस का विस्तृत नोटिफिकेशन आने का इंतजार कर रहे हैं। बहुत सी बातें अभी क्लीयर नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि सब खत्म हो गया। कई मुद्दों पर अभी तस्वीर साफ होनी बाकी है। नोटिफिकेशन में बहुत सी बातें क्लीयर होंगी। इस बीच ओपीएस की मांग जारी रहेगी। कुछ दिन बाद कन्फेडरेशन की बैठक होगी। उसके उपरांत जेसीएम की बैठक बुलाई जाएगी। अगली कड़ी में सरकार से बातचीत करेंगे। कन्फेडरेशन के महासचिव एसबी यादव का कहना कि पीएम की बैठक से पहले हमारा स्टैंड क्लीयर था। सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली ही चाहिए। कर्मचारियों को नई पेंशन योजना ‘यूपीएस’ तो कतई मंजूर नहीं है।

महाराष्ट्र में लंबे समय से ओपीएस की लड़ाई लड़ने वाले ‘महाराष्ट्र राज्य जुनी पेन्शन संघटना’ के राज्य सोशल मीडिया प्रमुख विनायक चौथे कहते हैं, ओपीएस की लड़ाई खत्म नहीं हुई है। हमारा संगठन एनएमओपीएस के तहत अपना संघर्ष जारी रखेगा। भले ही महाराष्ट्र सरकार, यूपीएस लागू करने की बात कह रही है, लेकिन कर्मचारियों को ये स्कीम मंजूर नहीं है। ओपीएस के लिए 15 सितंबर को शिरडी में ‘पुरानी पेंशन राज्य महाअधिवेशन’ आयोजित किया जाएगा। वहां मौजूद कर्मचारी, ओपीएस लागू कराने के लिए शपथ लेंगे। उस आयोजन में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा। ओपीएस पर उनकी राय या स्टैंड पूछेंगे। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा ‘महाराष्ट्र राज्य जुनी पेंशन संघटना’ के अध्यक्ष वितेश खांडेकर के नेतृत्व में शिरडी का महाअधिवेशन होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page