नई दिल्ली, 2 नवंबर 2025:
आसमान इस हफ्ते एक अद्भुत खगोलीय नजारा पेश करने वाला है।चार नवंबर की रात चांद अपने पूरे शबाब पर होगा —साल 2025 का सबसे बड़ा और सबसे चमकीला “सुपरमून” रात के आसमान को रोशन करेगा।विशेषज्ञों के मुताबिक, इसकी रोशनी इतनी तेज होगी कि जमीन पर हल्के साये तक नजर आएंगे। यह वही दृश्य है जो सिर्फ बेहद शक्तिशाली सुपरमून के दौरान ही देखने को मिलता है।
पिछली बार ऐसा नजारा अगस्त 2024 में चीन के चेंगदू के लोंगक्वान पर्वत पर दिखा था, लेकिन इस बार चांद पृथ्वी के और भी करीब होगा और ठंडी पतझड़ की रात को अपनी चांदनी से नहला देगा। यह सुपरमून साल 2025 के तीन लगातार सुपरमून में से दूसरा होगा।
CMS-03 मिशन: इसरो के ‘बाहुबली’ रॉकेट से आज होगा सबसे भारी संचार उपग्रह का प्रक्षेपण
“बीवर मून” नाम से भी जाना जाता है यह सुपरमून
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, नवंबर की इस पूर्णिमा को“बीवर मून” भी कहा जाता है।यह नाम उत्तरी अमेरिका की स्थानीय जनजातियों से आया है —यह वह समय होता था जब बीवर (जलचूहे) सर्दियों के लिए अपनी मांद बनाते थे और शिकारी नदी जमने से पहले जाल लगाते थे। नग्न आंखों से चंद्रमा का आकार मामूली बड़ा दिखाई देगा, लेकिन उसकी रोशनी असाधारण रूप से तेज होगी — इतनी कि पेड़ों और दीवारों की धुंधली परछाइयां तक बनेंगी।
🛰️ ‘बाहुबली’ पूर्व विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार, दुलारचंद यादव हत्याकांड में चुनाव आयोग के निर्देश पर कार्रवाई
क्या बनाता है यह सुपरमून खास?
इस बार का सुपरमून औसत दूरी से लगभग 17,000 मील (27,000 किमी) अधिक करीब से पृथ्वी की परिक्रमा करेगा।
इस वजह से यह सामान्य पूर्णिमा की तुलना में
- लगभग 7% बड़ा और
- करीब 16% अधिक चमकीला दिखाई देगा।
सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कला (पूर्णिमा) पर होता है और साथ ही अपनी अण्डाकार कक्षा के सबसे नजदीकी बिंदु “पेरिजी” पर पहुंचता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे “पेरिजी फुल मून” कहा जाता है। हालांकि, हर सुपरमून की चमक और आकार एक समान नहीं होते — यह इस पर निर्भर करता है कि चांद उस समय पृथ्वी से कितनी दूरी पर है।
🌌लजीज़ जायका: यूनेस्को के रचनात्मक शहरों में शामिल हुआ लखनऊ, पाक कला विरासत को मिला वैश्विक सम्मान
वृषभ नक्षत्र में चमकेगा चांद, तारों से सजेगा आसमान
चार नवंबर की रात पूरा चंद्रमा राशिचक्रीय तारामंडल वृषभ (Taurus) में रहेगा। इसकी तेज रोशनी कई पास के तारों को फीका कर देगी, लेकिन दूरबीन से देखने पर एल्डेबारन (Aldebaran) नाम का नारंगी-लाल तारा साफ दिखाई देगा — जो पृथ्वी से करीब 65 प्रकाश-वर्ष दूर है और बैल की आंख का प्रतीक माना जाता है। इसके पास ही प्लीएड्स (Pleiades) नामक सुंदर सात बहनों का तारा समूह भी देखा जा सकेगा, जो पृथ्वी से 330 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है। इन तीनों — चांद, एल्डेबारन और प्लीएड्स — से बना यह त्रिकोणीय खगोलीय दृश्य पूरी रात आसमान में दिखाई देगा। यह हमें याद दिलाएगा कि कैसे ब्रह्मांड की लय, विज्ञान और सुंदरता हम सबको एक सूत्र में जोड़ते हैं।
CLAT 2026: क्लैट परीक्षा के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 7 नवंबर तक कर सकेंगे आवेदन
कैसे देखें यह सुपरमून
इस सुपरमून का आनंद लेने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है —सिर्फ आसमान की ओर देखना ही काफी है।हालांकि, खगोलविदों का कहना है कि सबसे सुंदर दृश्य तब दिखता है जब चंद्रमा क्षितिज से ऊपर उठता है।इस समय एक “मून इल्यूजन” (चंद्र भ्रम) पैदा होता है —जब चांद पेड़ों, इमारतों या पहाड़ियों के पास दिखाई देता है तो हमारा दिमाग उसे वास्तविक आकार से बड़ा समझता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, चांद अपनी पूर्ण कला पर5 नवंबर को 13:19 यूटीसी (भारतीय समयानुसार शाम 6:49 बजे) पहुंचेगा, लेकिन इसे देखने का सबसे जादुई समय 4 नवंबर की शाम के शुरुआती घंटे होंगे — जब वह पूर्वी क्षितिज से ऊपर उठ रहा होगा।
भारत में शुरू हुई स्टारलिंक की भर्ती, जल्द मिलेगी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा
खगोलविदों की सलाह
- खुले आसमान वाले स्थान से चांद देखें।
- शहर की रोशनी से दूर जाएं ताकि चमक स्पष्ट दिखे।
- यदि संभव हो, दूरबीन या कैमरे से चांद की सतह के गड्ढों को देखें —
वे इस सुपरमून की चमक में बेहद स्पष्ट नजर आएंगे।
खगोल विज्ञान प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह एक दुर्लभ मौका है।4 नवंबर की यह रात न सिर्फ रोशनी से जगमगाएगी,बल्कि यह याद भी दिलाएगी कि हमारे आसमान में छिपी सुंदरता कभी-कभी आंखों से नहीं, दिल से देखने की मांग करती है।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की गाथा: जनसंघर्ष से जनगौरव तक की ऐतिहासिक यात्रा

