जशपुर नगर स
जिला प्रशासन द्वारा संचालित “यशस्वी जशपुर” कार्यक्रम के अंतर्गत इतिहास विषय के व्याख्याताओं के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला मुख्यालय में किया गया। कार्यक्रम में विषयगत अद्यतन जानकारी, संशोधित पाठ्यक्रम की विस्तृत समझ, शिक्षण में आने वाली चुनौतियों का समाधान, और बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु रणनीतियाँ साझा की गईं।
कार्यक्रम की शुरुआत राजेन्द्र प्रेमी द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिन्होंने शिक्षकों के बदलते दायित्व और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रभावों पर प्रकाश डाला।इसके पश्चात विकास पाण्डेय द्वारा “कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें, नवाचार की ओर बढ़ें” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित शिक्षकों में नई ऊर्जा और नवाचारशीलता का संचार हुआ।
डॉ. मिथलेश पाठक ने इतिहास विषय की गहराई में जाते हुए कक्षा 12वीं के पूरे पाठ्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत-पाक विभाजन और संविधान निर्माण तक के ऐतिहासिक विषयों की विस्तारपूर्वक व्याख्या करते हुए बताया कि भारतीय इतिहास को वैश्विक संदर्भ में किस प्रकार पढ़ाया जा सकता है। उन्होंने अंग्रेज इतिहासकारों के दृष्टिकोण से भारतीय इतिहास पर पड़े प्रभाव की भी चर्चा की।
जयेश सौरभ टोपनो ने वर्ष 2025–26 के नए पाठ्यक्रम में किए गए संशोधनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक मंडल द्वारा NCERT के राष्ट्रीय एकीकृत ढांचे के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत “छत्तीसगढ़ का इतिहास” को एक मुख्य अध्याय के रूप में पुनः जोड़ा गया है।
इस अवसर पर इतिहास विषय में 100 प्रतिशत परिणाम लाने वाले व्याख्याताओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। महेश केरकेट्टा ने अपनी सफलता की रणनीतियाँ साझा करते हुए अन्य शिक्षकों को परिणामोन्मुखी शिक्षण हेतु प्रेरित किया।कार्यक्रम का सफल संचालन यशस्वी जशपुर टीम के संजीव शर्मा और अवनीश पाण्डेय द्वारा किया गया। सत्र के अंत में ऑनलाइन फीडबैक व पोस्ट टेस्ट आयोजित किया गया। सभी उपस्थित व्याख्याताओं ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2025–26 में शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने का संकल्प लिया और विद्यार्थियों को समर्पित भाव से शिक्षण हेतु प्रतिबद्धता दोहराई।