रायपुर, 09 दिसंबर 2025।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार पर बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर डकैती डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले दो वर्षों में चार बार बिजली दरों में वृद्धि कर आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। साथ ही 400 यूनिट तक मिलने वाली छूट को घटाकर 200 यूनिट कर दिया गया और नई शर्त जोड़ दी गई कि यदि खपत 400 यूनिट से अधिक हुई तो पूरी छूट समाप्त हो जाएगी।
“स्मार्ट मीटर तेजी से चल रहे, बढ़ा रहा फर्जी बिल”
वर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद लाखों उपभोक्ताओं की शिकायत बढ़ गई है कि खपत वास्तविक से अधिक दिख रही है। स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर की तुलना में तेज चल रहे हैं और बिजली बिल कई गुना तक बढ़कर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को अपनी वास्तविक खपत की जांच करवाने का अधिकार है। पहले से चेक मीटर लगाने की व्यवस्था मौजूद थी, लेकिन सरकार ने मीटर चेक करवाने पर 1000 व 1500 रुपए शुल्क निर्धारित कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार गड़बड़ी छिपाना चाहती है।
मीटर चेक शुल्क वापस लेने की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यदि उपभोक्ता मीटर में खराबी का आरोप लगा रहे हैं, तो उनकी शिकायत पर मुफ्त में मीटर चेक होना चाहिए, किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क पूरी तरह अनुचित और उपभोक्ता विरोधी है। उन्होंने शुल्क प्रावधान को तुरंत वापस लेने की मांग की।
“बिना सहमति जबरिया लगाए स्मार्ट मीटर”
वर्मा ने कहा कि सरकारी पावर कंपनियां उपभोक्ता एग्रीमेंट के तहत बिजली सप्लाई करती हैं, इसलिए मीटर बदलने से पहले उपभोक्ता की सहमति अनिवार्य है। लेकिन वर्तमान सरकार ने बिना पूछे घरों में जबरन स्मार्ट मीटर थोप दिए, जिससे आम जनता परेशान है।
उन्होंने कहा कि समाधान करने के बजाय सरकार और बिजली कंपनी जिद पर अड़ी हुई है और अनुचित निर्णय थोपकर अपने “पाप” पर पर्दा डाल रही है।
कांग्रेस की मुख्य मांगें ये है स्मार्ट मीटर चेक शुल्क तुरंत वापस लिया जाए, उपभोक्ता की शिकायत पर मीटर जांच पूरी तरह मुफ्त हो, स्मार्ट मीटर से बढ़े बिलों की तत्काल समीक्षा की जाए

